सिलीगुड़ी। पश्चिम बंगाल में फिर से अलग गोरखालैंड की मांग तेज हो गई है। विधानसभा में बंगभंग विरोधी प्रस्ताव पास होने के बाद विनय तमांग ने गोरखालैंड के मुद्दे पर सुर तेज कर दिया है। उन्होने अलग गोरखालैंड की मांग पर 23 फरवरी को दार्जिलिंग में 24 घंटे का बंद का आह्वान किया है। उन्होंने एक कदम आगे बढ़ते हुए सीधा बयान जारी किया है। बयान में उन्होंने कहा कि वे पश्चिम बंगाल से अलग होना चाहते हैं. बंगभंग प्रस्ताव के खिलाफ उन्होंने आपातकाली सेवाओं को छोड़कर 23 फरवरी को दार्जिलिंग बंद का आह्वान किया है।
बता दें कि बंगाल के विभाजन के खिलाफ प्रस्ताव सोमवार को विधानसभा में पारित हो गया। उधर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मंगलवार को उत्तर बंगाल के दौरे पर पहुंचेंगी। उससे पहले विनय तमांग के इस ऐलान को लेकर सियासी सियासी सुगबुगाहट शुरू हो गई है।
बंगभंग विरोधी प्रस्ताव को विनय तमांग ने बताया संविधान विरोधी
विनय तमांग ने बयान में कहा, “हमें भारतीय संविधान पर पूरा भरोसा है. मुझे नहीं लगता कि कोई भी संविधान से ऊपर है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि कल पारित प्रस्ताव ने संविधान को चुनौती दी।” इस संदर्भ में उन्होंने उत्तर बंगाल के लोगों से आगे आने को कहा। विनय तमांग ने टिप्पणी की कि उनका आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से दमन किया गया है। उन्होंने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के नेताओं को आभार जताया कि उन्होंने गोरखालैंड की बात कही। बता दें कि बीजेपी विधायक विष्णु शर्मा ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार ने अलग गोरखालैंड की मांग पर जनमत संग्रह कराने की मांग की थी।
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