नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा को गुरुवार को उस वक्त असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जब वो पार्टी के अधिवेशन में हिस्सा लेने के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर जा रहे थे। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि असम पुलिस ने दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर पवन खेड़ा को प्लेन से उतारा और इसके बाद गिरफ्तार कर लिया। पवन खेड़ा की गिरफ्तारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिता पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में हुई है। इससे पहल उनके खिलाफ इस मामले में असम के दीमा हसाओ जिले में केस दर्ज किया गया। कांग्रेस ने ट्वीट कर इस कार्रवाई को सरकार की तानाशाही बताया है।
अगली सुनवाई तक खेड़ा को अंतरिम राहत
सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि अगली तारीख तक पवन खेड़ा को द्वारका कोर्ट से अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा, साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने द्वारका कोर्ट को खेड़ा को अंतरिम राहत देने का निर्देश दिया
असम और यूपी पुलिस को नोटिस
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की तरफ से सभी एफआईआर को क्लब करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने असम और यूपी पुलिस को जारी किया।
असम पुलिस ने दी अपनी दलील
असम पुलिस की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पवन खेड़ा को एफआईआर के आधार पर गिरफ्तार किया गया है और उन्हें ट्रांजिट रिमांड के लिए अदालत में पेश किया जाएगा
‘उनकी जुबान फिसल गई थी’
सुप्रीम कोर्ट में पवन खेड़ा का पक्ष रखते हुए एएस सिंघवी ने कहा, ‘अपनी टिप्पणी पर पवन खेड़ा ने माफी मांगी है और कहा है गलती से उनकी जुबान फिसल गई थी
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