यूनिवर्स टीवी डेस्क। गले तक कर्ज में डूबे पाकिस्तान की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक ओर करोड़ों लोग महंगाई की मार से दो वक्त की रोटी नहीं खा पा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर टीटीपी (TTP) ने पाकिस्तान के खिलाफ हमले तेज कर दिए हैं। मुल्क की खस्ताहाल और दमतोड़ती इकॉनमी पर मंडरा रहे नए संकट के बीच पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर आई है। जिसमें अमेरिका के हवाले से कहा गया है कि टीटीपी (TTP) जल्द ही पाक के दो टुकड़े करने के साथ उसे तगड़ा झटका देने की तैयारी में ह।
अमेरिकी रिपोर्ट में चौंकाने वाला दावा
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी ) ने खैबर पख्तूनख्वा (KP) में अपने हमलों को तेज कर दिया है। इन ताजा हमलों का मकसद एक आतंकी अभियान चलाकर सरकार को गिराना और वहां शरिया कानून लागू करना है। ‘आतंकवाद पर 2021 देश की रिपोर्ट’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के मुताबिक, टीटीपी अपने आतंकवादियों के प्रशिक्षण और तैनाती के लिए पाक-अफगान सीमा की दोनों तरफ की ट्राइबल बेल्ट का उपयोग करता है। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट उस वक्त आई है जब टीटीपी इस देश में पहले जैसी मजबूत स्थित में आ चुका है।
पाकिस्तान के दावों की खुली पोल
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘टीटीपी अपना वैचारिक मार्गदर्शन अल कायदा से लेता है, जबकि आतंकवादी समूह के लोग अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा के साथ पश्तून इलाकों में सुरक्षित पनाहगाह के लिए टीटीपी पर ज्यादा भरोसा करते हैं। टीटीपी, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) और इस्लामिक स्टेट खुरासान प्रांत (ISKP) समेत कई आतंकी समूह अफगान सीमा से गुजरने वाली कबायली बेल्ट के प्रमुख लाभार्थियों में से हैं, जिनके हजारों आतंकी फिलहाल एक्टिव हैं। इस रिपोर्ट में पाकिस्तान के इस दावे का अनुपालन सुनिश्चित नहीं करने के लिए उसकी आलोचना की गई है कि वह किसी भी आतंकी समूह को अपने देश की धरती का उपयोग करने की इजाजत नहीं देगा।
जनता त्रस्त नेता सियासत में व्यस्त
पाकिस्तान में महंगाई ने बीते 50 साल का रिकार्ड तोड़ दिया है। महंगाई चरम पर है. बढ़ती महंगाई के विरोध में त्राहिमाम कर रही जनता अब प्रदर्शन कर रही है। बीते बुधवार को पाकिस्तान में मुद्रास्फीति की निगरानी करने वाला उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) 31.5 प्रतिशत तक पहुंच गया। पाकिस्तान ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के मुताबिक बीती फरवरी में महंगाई 50 साल में अपने उच्चतम स्तर पर थी। यहां राशन-पानी और ट्रांसपोर्ट की कीमतें 45% से ज्यादा बढ़ चुकी है। जनवरी के मुकाबले फरवरी में मुद्रास्फीति 4.3% बढ़ी है।
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