पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान पर पीएम मोदी ने की चर्चा, कहा- ‘देश के करोड़ों लोगों के हुनर को समर्पित ये वेबिनार’
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ‘PM विश्वकर्मा कौशल सम्मान’ पर पोस्ट-बजट वेबिनार को संबोधित किया। ये कार्यक्रम 12 पोस्ट-बजट वेबिनार की सीरीज का एक हिस्सा है। बता दें कि वेबिनार की इस सीरीज में केंद्र सरकार बजट 2023-24 में किए गए एलान पर विचारों और सुझावों को इकट्ठा कर रही है, ताकि उन सभी घोषणाओं पर सही दिशा में काम किया जा सके।
भारत के करोड़ों लोगों के हुनर को समर्पित ये वेबिनार
पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये बजट वेबिनार भारत के करोड़ों लोगों के हुनर और उनके कौशल को समर्पित है। कौशल जैसे क्षेत्र में हम जितना विशेष होंगे, जितनी टार्गेटेड अप्रोच होगी तभी हमें बेहतर परिणाम मिलेंगे। उन्होंने कहा कि पीएम-विश्वकर्मा योजना उसी सोच का नतीजा है।
करोड़ों युवाओं के कौशल को बढ़ाने की दिशा में किया काम
पीएम मोदी ने आगे कहा कि कौशल भारत मिशन और कौशल विकास केंद्रों के माध्यम से पिछले कुछ वर्षों में हमने करोड़ों युवाओं के कौशल को बढ़ाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में काम किया है। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद हमारे कारीगरों को सरकार से जो हस्तक्षेप की आवश्यकता थी, वो नहीं मिल पाई।
आज कई लोग अपना पुश्तैनी और पारंपरिक व्यवसाय छोड़ रहे हैं। हम इस वर्ग को ऐसे ही अपने हाल पर नहीं छोड़ सकते। पीएम मोदी ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान भारत के कारीगरों और शिल्पकारों के लिए रहा है, इसका उद्देश्य उन्हें अपने सामान की क्षमता, दायरा और पहुंच बढ़ाने की अनुमति देना है।
पीएम-विश्वकर्मा योजना का फोकस
कारीगरों के महत्व पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि गांव की अर्थव्यवस्था के बारे में जानने वाले जानते हैं कि हो सकता है कि वहां रहने वाले किसी परिवार में फैमिली डॉक्टर न हो, लेकिन फैमिली ज्वैलर जरूर हो। हमारे देश में कारीगरों का इतना महत्व है।
यह योजना उनकी बेहतरी की ओर निर्देशित है। पीएम ने गांवों और शहरों के कारीगरों को लेकर कहा कि ये सभी अपने हाथ के कौशल से औजार का उपयोग करते हुए जीवन यापन करते हैं। पीएम-विश्वकर्मा योजना का फोकस ऐसे ही एक बहुत बड़े और बिखरे हुए समुदाय की तरफ है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों को भी दी जाए प्राथमिकता
पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा गांधी की ग्राम स्वराज की दृष्टि गांव के प्रत्येक वर्ग के विकास को समाहित करती है। केवल कृषि और खेती ही नहीं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों और पहलुओं को भी समान रूप से आधुनिक, मजबूत और प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
पीएम-विश्वकर्मा योजना से करोड़ों लोगों की बड़ी मदद होने जा रही है। हर विश्वकर्मा साथी को आसानी से लोन मिले, उनका कौशल बढ़े यह सुनिश्चित किया जाएगा।
पीएम-विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य
पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों की समृद्ध परंपरा को संरक्षित करने के साथ-साथ उनका विकास करना पीएम-विश्वकर्मा योजना का मुख्य उद्देश्य है। पीएम मोदी ने कहा कि हम विश्वकर्मा फेलो को वैल्यू चेन सिस्टम का हिस्सा बनाकर ही उन्हें मजबूत और सशक्त बना सकते हैं। हमें उन्हें प्रशिक्षित करना चाहिए और उन्हें देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने के लिए आवश्यक उपकरण और तकनीक प्रदान करनी चाहिए। हमारा लक्ष्य न केवल स्थानीय बाजार है, बल्कि वैश्विक बाजार भी है। प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि सभी विश्वकर्मा साथियों को संभालें और उनमें जागरूकता बढ़ाएं।
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