कोलकता । पश्चिम बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने 2016 की परीक्षा में ग्रुप सी पदों के लिए हुई परीक्षा में शामिल हुए 3,000 से अधिक उम्मीदवारों के बेमेल अंक का ब्योरा पेश किया है। कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसएससी ने 3478 ऐसे परीक्षार्थियों का ओएमआर शीट वेबसाइट पर डाला है। इसमें यह देखा जा रहा है कि लिखित परीक्षा में जीरो अंक हासिल किए थे, लेकिन उन्हें गैरकानूनी तरीके से नियुक्त करने के लिए सर्वर पर नंबर बढ़ाकर 54 कर दिया गया. किसी को अगर एक नंबर मिला था तो उसे 56 नंबर दिए गए।
इस बीच, बीरभूम जिले के शांति निकेतन इलाके में एक दुकान से केक खरीदने पर उसका पैकेट ओएमआर शीट से बना हुआ मिला है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार मामले में ओएमआर शीट की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. इनमें से 3030 लोगों का नंबर आश्चर्यजनक तरीके से बढ़ाया गया है।
3,478 उम्मीदवारों के अंकों में है काफी अंतर
एसएससी ने सोमवार ब्योरा जारी किया, जिसमें कुल 3,478 उम्मीदवारों के अंकों का अंतर है। यह 2016 (जीआर-सी पदों के लिए) के संबंध में 13.03.2023 को पश्चिम बंगाल केंद्रीय विद्यालय सेवा आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है। नोटिस में एसएससी ने उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त वास्तविक ओएमआर अंक और अंक बेमेल दिखाते हुए प्रकाशित ओएमआर अंक दिए। यह आदेश तब आया जब अदालत ने पाया कि इन उम्मीदवारों को 2016 में भर्ती परीक्षा के लिए ओएमआर शीट में हेरफेर के कारण एसएससी से सिफारिश मिली थी। इन्हें लिखित परीक्षा में जो नंबर मिले हैं उन्हें ओएमआर शीट संबंधी एसएससी के सर्वर पर कई गुना बढ़ाकर नंबर दिए गए हैं जिसकी वजह से उन्हें नौकरी मिली है।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद एसएससी ने जारी किया ब्योरा
एसएससी की वेबसाइट पर प्रकाशित सूची पर जिनका सीरियल नंबर 3031 से 3392 है उनका लिखित परीक्षा में प्राप्तांक और एसएससी के सर्वर पर ओएमआर का प्राप्तांक एक ही है। हालांकि उसके बाद 3392 से अंतिम तक जो सूची है उसमें प्राप्तांक और ओएमआर नंबर में बड़ा अंतर है। कोर्ट ने आदेश दिया था कि जिन उम्मीदवारों को इस तरह की काउंसलिंग प्रक्रिया में भाग लेने के लिए बुलाया जाएगा, यदि उनके ओएमआर में हेरफेर सहित किसी भी अनियमितता से संबंधित पाया जाता है, तो उन्हें काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने से रोक दिया जाएगा और उनकी उम्मीदवारी को बिना तत्काल रद्द कर दिया जाएगा। एसएससी की यह कार्रवाई कलकत्ता उच्च न्यायालय द्वारा पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड को 1,911 ग्रुप डी कर्मचारियों की नौकरियों को रद्द करने का निर्देश देने के बाद आई है, जिन्हें अवैध रूप से भर्ती परीक्षा में हेरफेर के बाद राज्य-सहायता प्राप्त, राज्य-प्रायोजित माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त किया गया था।
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