नई दिल्ली। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा भारत यात्रा पर दिल्ली पहुंच चुके हैं। वे करीब 27 घंटे तक भारत में रहेंगे। जापानी प्रधानमंत्री के भारत दौरे से चीन को मिर्ची जरूर लगेगी। माना जा रहा है कि जापानी प्रधानमंत्री हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती चुनौतियों और भारत की बढ़ती भूमिका पर चर्चा करेंगे। जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा रक्षा और सुरक्षा, व्यापार-निवेश और उच्च प्रौद्योगिकी सहित कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ावा देने के मुद्दे पर बातचीत करेंगे।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने पर होगी चर्चा
पीएम मोदी और किशिदा के बीच व्यापक वार्ता में चीन की बढ़ती सैन्य मुखरता की पृष्ठभूमि में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उभरती स्थिति के बारे में भी चर्चा होने की संभावना है। किशिदा नई दिल्ली में एक खुले और मुक्त इंडो-पैसिफिक के लिए एक नई योजना की घोषणा करेंगे, जिसमें पूरे क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए भारत का समर्थन मांगा जाएगा। इसके अलावा G-7 के ग्लोबल एजेंडा पर भी चर्चा होगी, जिसकी अध्यक्षता जापान कर रहा है।
वहीं, क्वाड का कहना है कि यह न तो कोई सैन्य समूह है और न ही यह चीन के खिलाफ है। लेकिन इसके सदस्य संयुक्त रूप से हर साल युद्धाभ्यास करते हैं। इस साल यह ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया जाएगा, जो मई में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
भारत और जापान के लिए क्या है चुनौती?
भारत में लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश और पूर्वी चीन सागर में सेनकाकू द्वीपों पर चीन अपना दावा ठोंकता रहा है। चीन की ये विस्तारवादी नीति क्षेत्रीय अखंडता और आर्थिक सुरक्षा के नजरिए से भारत और जापान के सामने सबसे बड़ी चुनौती है। जापान पूरे दक्षिण चीन सागर में चीन के सैन्य दावे को लेकर भी अलर्ट है। ये दोनों समुद्र व्यापार के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण हैं।
रूस को लेकर दोनों देशों के अलग मत
किशिदा के इस दौरे में रूस और यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हो सकती है। जापान रूस के खिलाफ प्रतिबंध चाहता है। लेकिन जी-20 की मेजबानी कर रहे भारत ने इस तरह की घोषणा करने के लिए जी20 मंच के इस्तेमाल करने से मना कर दिया है। एक तरफ भारत ने यूक्रेन युद्ध के लिए रूस का विरोध नहीं किया है, वहीं दूसरी ओर रूस से सस्ता तेल खरीदकर जापान और पश्चिमी देशों को भी चुनौती दी है।
मोदी-किशिदा की ये पहली मुलाकात नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और किशिदा की ये पहली मुलाकात नहीं है। पिछले साल दोनों नेता तीन बार मिल चुके हैं, जिसमें शिंजो आबे के अंतिम संस्कार में मोदी का मिलना शामिल था। इस साल भी दोनों नेता तीन बार मिलेंगे। दोनों की मुलाकात जी-20, जी-7 और क्वाड शिखर सम्मेलन में होगी। बता दें कि 2021-2022 में 20.57 बिलियन डॉलर के व्यापार के साथ भारत और जापान के बीच व्यापक आर्थिक साझेदारी है।
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