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‘टीबी के खिलाफ वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी’ , टीबी समिट में में बोले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज (24 मार्च) काशी दौरे पर हैं। वह अपने संसदीय क्षेत्र में लगभग पांच घंटे प्रवास के दौरान कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। तय कार्यक्रम के तहत पीएम सुबह लगभग दस बजे लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डा पर विमान पर उतरे। यहां से हेलीकाप्टर के जरिए पुलिस लाइन पहुंचे। इसके बाद कारों के काफिले के साथ रूद्राक्ष सेंटर पहुंचे। यहां उन्होंने अपना संबोधन दिया।
पीएम मोदी ने कहा कि वन वर्ड टीबी समिट के जरिये भारत एक नए संकल्प पूरा कर रहा है। भारत का यह प्रयास टीबी के खिलाफ वैश्विक है। पिछले 9 वर्ष में भारत टीबी के लिए जनभागीदारी, इलाज के लिए नई रणनीति, नई तकनीक जैसे खेलो इंडिया, योग। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है जनभागीदारी। भारत में टीबी को स्थानीय भाषा में क्षय कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि विदेश से आए अतिथियों को यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत में टीबी मरीजों को लोग गोद ले रहे हैं। इसे भारत में निक्षय मित्र कहा जाता है। मैं आपका आभारी हूं कि आज आपने काशी के पांच लोगों को गोद लिया। टीबी मरीजों के पोषण के लिए वर्ष 2018 में डीबीटी के लिए 2000 करोड़ उनके बैंक खाते में भेजे गए। इससे करीब 75 लाख मरीजों को लाभ पहुंचा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोई भी इलाज से छूटे नहीं इसके लिए हमने नई रणनीति पर काम शुरू किया है। उन मरीजों को आयुष्मान कार्ड से जोड़ा है। लैब की संख्या बढ़ाई है। इस कड़ी में आज हम टीबी मुक्त पंचायत की घोषणा कर रहे हैं। नई व्यवस्था के तहत अब तीन महीने ही मरीजों को दवा लेनी होगी। इससे मरीजों को सुविधा मिलेगी। मरीजों को ट्रैक करने के लिए आईसीएमआर के साथ मिलकर निक्षय पोर्टल बनाया गया है।
पीएम ने बताया कि इन प्रयासों के कारण आज भारत में मरीजों की संख्या कम हो रही है। कर्नाटक और जम्मू कश्मीर राज्य को टीबी से मुक्त करने के लिए पुरस्कार दिया गया है। भारत 2025 तक टीबी मुक्त करने का संकल्प लिया है। जबकि विश्व में इसका लक्ष्य 2030 तक है। कोविड काल से ही हम स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाने में जुटे हैं। आज टीबी के लिए 80 प्रतिशत दवाएं भारत में बनती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन के दौरान कहा कि काशी नगरी वे शाश्वत धारा है जो हजारों वर्षों से मानवता के प्रयासों और परिश्रम की साक्षी रही है। काशी इस बात की गवाही देती है कि चुनौती चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो जब सबका प्रयास होता है तो नया रास्ता भी निकलता है। मुझे विश्वास है कि टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ हमारे वैश्विक संकल्प को काशी एक नई ऊर्जा देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा टीबी मुक्त संकल्प के नजदीक पहुंचे
वाराणसी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भारत को 2025 तक टीबी से मुक्त करने का जो संकल्प दिया था आज हम उसके नजदीक पहुंच चुके हैं। आज स्टॉप टीबी कैंपेन का जो थीम दिया गया है ये वास्तव में उनके संकल्पों को मजबूती प्रदान करने और उसे आगे बढ़ाने का है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में देश 21% टीबी के मरीज पाए जाते रहें हैं। पिछले 5 साल में उत्तर प्रदेश ने जो लक्ष्य प्राप्त किए हैं उनमें 16 लाख 90 हजार रोगियों को पोषण सहायता के माध्यम से अबतक 422 करोड़ का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार देश में ऐसा हुआ है कि जब किसी महामारी के आने पर स्वदेशी वैक्सीन बनाया गया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की 40 करोड़ जनता को मुफ्त में वैक्सीन लगाया गया है।


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