ममता सरकार की बड़ी राहत : 44 दिनों के बाद कर्मचारियों ने तोड़ दिया अनशन, DA की मांग को लेकर कर रहे थे आंदोलन
कोलकता। महंगाई भत्ता (DA) बकाया की मांग को लेकर 45 दिनों से चल रहा राज्य सरकारी कर्मचारियों का अनशन शनिवार को समाप्त हो गया। अनशन के दौरान कई बीमार हो गये थे। सरकार के खिलाफ हड़ताल पर जाने को लेकर कारण बताओ नोटिस भी जारी किया था। इस बार उन्होंने एक बड़ा फैसला किया है। प्रदर्शनकारियों ने भूख हड़ताल खत्म कर दी। 44 दिनों के बाद भूख हड़ताल समाप्त कर दी है। हालांकि, सरकारी कर्मचारियों ने कहा कि वे आंदोलन जारी रखेंगे। उन लोग अपनी मांग पर कायम हैं।
बता दें कि संयुक्त संग्रामी मंच के आह्वान पर सरकारी कर्मचारी लगातार विरोध कर रहे थे। वे 44 दिनों तक भूख हड़ताल पर भी रहे एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि कई लोग बीमार हो रहे हैं। इसलिए अनशन स्थगित कर दिया गया है। हालांकि, उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर जरूरत पड़ी तो वे फिर से भूख हड़ताल करेंगे।
राज्य सरकारी कर्मचारियों ने कहा-जारी रहेगा आंदोलन
आंदोलनकारी भास्कर घोष ने कहा, “जरूरत पड़ी तो मैं फिर से आंदोलन में बैठूंगा। तापस सिंह मेरे साथ एक और भूख हड़ताल करने वाले हैं।उन्होंने फिलहाल के लिए अपना अनशन भी स्थगित कर दिया है। हम एक शारीरिक परीक्षा से गुजरेंगे।” उन्होंने कहा, “कई लोगों ने भूख हड़ताल शुरू की, लेकिन अंत में केवल दो ही रहे।” भास्कर घोष ने व्यंग्य करते हुए कहा, हम केवल आंदोलन की दिशा बदल रहे हैं। 29 को सामूहिक भूख हड़ताल होगी। हम बिना खाए इतने लंबे समय से भूख हड़ताल पर हैं।
केंद्र सरकार की तर्ज पर डीए की मांग कर रहे हैं राज्य सरकारी कर्मचारी
बता दें राज्य के सरकारी कर्मचारियों के एक समूह ने डीए की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है। वे केंद्र सरकार की तुलना में डीए की मांग पर अड़े हैं। विधानसभा में बजट सत्र में राज्य सरकार की तीन प्रतिशत डीए की घोषणा से डीए आंदोलनकारी खुश नहीं है। वे कई हफ्तों से शहीद मीनार पर धरना दे रहे हैं। हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है, “मैं अधिकार छीनने के पक्ष में नहीं हूं, बल्कि अधिकार देने के पक्ष में हूं। जो कानूनी रूप से मान्यता प्राप्त है।” मुख्यमंत्री ममता ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को केंद्रीय दर पर डीए देना संभव नहीं है। उनके शब्दों में, “आप राज्य सरकार में काम करेंगे, और आपको केंद्रीय दर का भुगतान करना होगा, यह जारी नहीं रह सकता है।राज्य राज्य वेतन आयोग के अनुसार काम करता है. हमने छठे वेतन आयोग के अनुसार भुगतान किया गया है।
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