येरूशलम। येरूशलम में मुसलमानों की तीसरी सबसे पवित्र अल अक्सा मस्जिद पर इजरायली पुलिस ने छापा मारा है और रिपोर्ट के मुतबाकि, इजरायली पुलिस के हमले में करीब 7 नमाजियों के घायल होने की खबर है। रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली सेना ने बुधवार तड़के यरुशलम के पुराने शहर में अल-अक्सा मस्जिद पर छापा मारा और फिलिस्तीनी नमाजियों पर हमला किया है। फिलिस्तीनी मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है, कि इस्लामिक और यहूदी छुट्टियों के ओवरलैप होने के कारण व्यापक तनाव की आशंका बढ़ गई है।
अल अक्सा मस्जिद पर हमला
पूर्वी यरुशलम और वेस्ट बैंक में महीनों से तनाव बढ़ा हुआ है और ये तनाव और भी काफी बढ़ गया है। वहीं, माना जा रहा है, कि इजरायली सेना के घुसने के बाद माना जा रहा है, कि इजरायल और फिलीस्तीन के बीच का तनाव और बढ़ सकता है। आपको बता दें, कि ये विवादित पवित्र परिसर में इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र मस्जिद है, जबकि इसे यहूदी धर्म में भी सबसे पवित्र स्थल का दर्जा प्राप्त है, जिसे टेंपल माउंट के नाम से जाना जाता है। अतीत में इजरायल और गाजा के हमास शासकों के बीच अल अक्सा मस्जिद विवाद की वजह से घातक युद्ध हो चुके हैं। सबसे आखिरी लड़ाई 2021 में लड़ी गई थी, जिसमें फिलिस्तीन आतंकी संगठन हमास को काफी नुकसान पहुंचा था। हालांकि, इस छापेमारी के बाद इजरायली पुलिस ने दावा किया है, कि उन्होंने दंगा रोकने के लिए ये कार्रवाई की है।
कई नमाजियों के घायल होने की खबर
अलजजीर के मुताबिक, फिलीस्तीनी रेड क्रीसेंट ने कई लोगों के घायल होने की जानकारी दी है, लेकिन अभी तक कितने लोग घायल हुए हैं, इसकी सटीक जानकारी नहीं दी है। इसने एक बयान में कहा है, कि इजरायली सेना मेडिकल टीम को अल-अक्सा तक पहुंचने से रोक रही थी। एक बुजुर्ग महिला ने रॉयटर्स समाचार एजेंसी को मस्जिद के बाहर रोते हुए बताया, कि “मैं एक कुर्सी पर बैठी (कुरान) पढ़ रही थी और उस वक्त उन्होंने स्टन ग्रेनेड फेंके, उनमें से एक मेरी छाती पर लगा।” वहीं, इजरायली पुलिस ने एक बयान में कहा, कि “नकाबपोश हमलावरों” ने पहले बम फोड़े थे और उनके पास लाठी और पत्थर थे, जिसे वो बरसा रहे थे। इजरायली पुलिस के मुताबिक, हमलावरों मस्जिद के अंदर से धमाके कर रहे थे और हमला कर रहे थे, जिसके बाद उन्हें विवादित मस्जिद में प्रवेश करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इजरायली पुलिस ने बयान में कहा, कि “जब पुलिस ने प्रवेश किया, तो उन पर पत्थर फेंके गए और हमलावरों के एक बड़े समूह ने मस्जिद के अंदर से आतिशबाजी की।” बयान में कहा गया है कि एक पुलिस अधिकारी के पैर में चोट आई है।
फिलीस्तीनी समूह ने किया हमला
फिलिस्तीनी समूहों ने नमाजियों पर किए गये हमलों की निंदा की है और इजरायली फोर्स की इस कार्रवाई को एक अपराध बताया है। वहीं, फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास के प्रवक्ता नबील अबू रुदीनेह ने कहा, कि “हम पवित्र स्थलों पर रेड लाइन पार करने और कब्जा करने की किसी भी कोशिश को लेकर चेतावनी देते हैंस इससे एक बड़ा विस्फोट होगा।” वहीं, जॉर्डन, जो 1967 के युद्ध के बाद से यथास्थिति व्यवस्था के तहत यरूशलेम के ईसाई और मुस्लिम पवित्र स्थलों के संरक्षक के रूप में काम करता है, उसने इज़राइली फोर्स के मस्जिद में घुसने की निंदा की है। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिनमें इजरायली फोर्स को मस्जिद परिसर में मुस्लिम और यहूदी, दोनों पर लाठी चार्ज करते हुए देखा जा रहा है। आधिकारिक फ़िलिस्तीनी समाचार एजेंसी वफ़ा ने बताया है, कि पुलिस की मस्जिद पर छापा मारने पर रमज़ान में पूरी रात इबादत करने वाले दर्जनों नमाज़ियों को चोटें आईं हैं।
हिंसा भड़कने की वजह अज्ञात
फिलहाल ये साफ नहीं हो पाया है, कि अल अक्सा मस्जिद में हिंसा किस वजह से भड़की है। इजरायली पुलिस ने कहा है, कि उसने दर्जनों ‘दंगाइयों’ को गिरफ्तार किया है। येरुशलम में हिंसा के बाद ये मामला काफी गरमा गया है और हमास ने बड़े विरोध प्रदर्शनों का आह्वान किया है। जिसके बाद हिंसक प्रदर्शनों के लिए भारी संख्या में लोगों को गाजा-इज़राइल सीमांत क्षेत्र की तरफ जाते हुए देखा जा रहा है। माना जा रहा है, कि ये हिंसक झड़प या फिर युद्ध का भी रूप ले सकता है। वहीं, मिस्र के विदेश मंत्रालय ने अल-अक्सा उपासकों पर इज़राइल के “ज़बरदस्त हमले” को तत्काल रोकने का आह्वान किया है। आपको बता दें, कि अल-अक्सा, इस्लाम में तीसरा सबसे पवित्र तीर्थस्थल और यहूदी धर्म में सबसे बड़ा पवित्र स्थल है और यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं। अल-अक्सा में हिंसा के बाद उत्तरी गाजा की तरफ से इजरायल के ऊपर कई रॉकेट दागने की भी खबर है। इजरायली सेना ने कहा है, कि दक्षिणी इजराइल के सदरोत शहर के आसपास उसके एयर डिफेंस सिस्टम ने पांच रॉकेटों को मार गिराया है, वहीं चार रॉकेट सुनसान इलाके में गिरे हैं। वहीं, गाजा में दर्जनों प्रदर्शनकारी रात भर सड़कों पर उतरे रहे और उन्होंने टायर जलाए हैं।
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