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आईपीएल में जीत के लिए तरसती दिल्ली का खाता तो खुला, लेकिन पोल भी खुल गई

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नई दिल्ली। दिल्ली में गुरुवार की शाम धूलभरी आंधी और उसके बाद आई बारिश ने शहर के लोगों को गर्मी से राहत ज़रूर दी, लेकिन अरुण जेटली स्टेडियम में बैठे क्रिकेट फ़ैंस के दिल में यही तमन्ना पल रही थी कि मैच जल्द से जल्द शुरू हो। आख़िरकार एक घंटे की देरी से टॉस हुआ और वो टॉस भी दिल्ली वालों के हक़ में गया। बारिश और गीले क्रिकेट ग्राउंड को देखते हुए दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान डेविड वॉर्नर ने कोलकाता नाइट राइडर्स को बल्लेबाज़ी के लिए बुलाया। सब कुछ वैसे ही चलता रहा जैसे वॉर्नर चाह रहे थे। दिल्ली कैपिटल्स ने इस सीज़न में ईशांत शर्मा को पहली बार उतारा, जिन्होंने पोस्ट मैच सेरेमनी में भी कहा कि वो अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। उन्होंने दो विकेट लेकर अपने टीम में आने को सार्थक भी किया। ईशांत शर्मा के साथ एनरिक नॉर्जे, अक्षर पटेल और कुलदीप यादव की चौकड़ी ने 2-2 विकेट निकाले और कोलकाता नाइट राइडर्स को 127 रनों पर रोकने में सफलता पाई।
कोलकाता की ओर से सिर्फ़ जेसन रॉय ही सबसे अधिक 43 रन बना सके, उनके अलावा आंद्रे रसेल ने नाबाद 38 रन बनाए। दिल्ली कैपिटल्स की शानदार गेंदबाज़ी के आगे कोलकाता नाइट राइडर्स भी टिकी रही और पूरी टीम 20वें ओवर की आख़िरी गेंद पर जाकर ऑल आउट हुई
लड़खड़ाती दिल्ली कैपिटल्स
दिल्ली की टीम जब 128 रनों के टार्गेट को पार करने के इरादे से क्रीज़ पर उतरी, तो उसे पूरी उम्मीद थी कि वो इस सीज़न में अपनी पहली जीत आख़िरकार दर्ज ही कर देगी। इस मैच से पहले दिल्ली कैपिटल्स ने 5 मैच खेले थे जिसमें उसे सभी में हार का मुँह देखना पड़ा था। दिल्ली पॉइंट्स टेबल में 2 अंकों के लिए तरस रही थी, लेकिन कोलकाता भी हार मानने को तैयार नहीं थी जिसने ख़ुद अब तक 5 में से सिर्फ़ 2 मैच जीते थे। क्रीज़ पर उतरी डेविड वॉर्नर और पृथ्वी शॉ की जोड़ी को देखकर लग रहा था कि दोनों बल्लेबाज़ आराम से जीत दिला देंगे।
लेकिन पाँचवें ओवर की तीसरी गेंद पर ही वरुण चक्रवर्ती ने कोलकाता को पहली सफलता दिलाई, उन्होंने पृथ्वी शॉ को 13 रनों के स्कोर पर क्लीन बोल्ड किया। उस समय दिल्ली का स्कोर एक विकेट के नुक़सान पर कुल 38 रन था। इस स्थिति को देखते हुए तब भी दिल्ली की जीत आसान दिख रही थी, क्योंकि क्रीज़ पर डेविड वॉर्नर थे और लंबी बैटिंग लाइन अप अभी भी बाक़ी थी। आठवें ओवर में कोलकाता के कप्तान नीतीश राणा ने टीम को दूसरी सफलता दिलाई और उन्होंने बल्लेबाज़ मिचेल मार्श (2 रन) को कैच आउट कराया। लेकिन फिर दिल्ली के लिए पहली जीत काफ़ी दूर लगने लगी थी क्योंकि नौवें ओवर की पहली ही गेंद पर फ़िलिप सॉल्ट (5 रन) ने अनुकूल रॉय की गेंद पर बेहद ख़राब शॉट खेला और वो कॉट एंड बॉल आउट हो गए। हालाँकि, दूसरी ओर कप्तान डेविड वॉर्नर टिके रहे और उन्होंने 33 गेंदों में 11 चौकों की बदौलत अपना अर्धशतक पूरा किया। लेकिन 13वें ओवर की पहली ही गेंद पर वरुण चक्रवर्ती ने वॉर्नर को भी चलता किया.
वॉर्नर कुल 57 रन बनाकर एलबीडबल्यू आउट हुए. उस समय टीम का कुल स्कोर 4 विकेट के नुक़सान पर 93 रन था। 15 ओवर तक टीम का स्कोर 4 विकेट के नुक़सान पर 105 रन था. अगले पाँच ओवरों में टीम को जीत के लिए 23 रनों की दरक़रार थी।
अक्षर पटेल ने नाबाद 19 रन बनाए और टीम को जीत दिलाई
15वें ओवर के बाद लगा जीत हाथ से फिसली
दिल्ली को 30 गेंदों में सिर्फ़ 23 रन बनाने के लिए कोलकाता की गेंदबाज़ी का सामना करने में एक तरह से पसीने छूट गए। मनीष पांडे और अक्षर पटेल की जोड़ी क्रीज़ पर थी जिसे अनुकूल रॉय ने तोड़ दिया. उन्होंने मनीष पांडे को 21 रनों के स्कोर पर कैच आउट किया। 17वें ओवर में दिल्ली को छठा झटका फिर लगा जब नीतीश राणा ने अमन ख़ान को शून्य पर क्लीन बोल्ड कर दिया। आख़िरी तीन ओवरों में दिल्ली को 15 रनों की ज़रूरत थी लेकिन वो लक्ष्य भी मानो पहाड़ सा दिखने लगा था. उस समय क्रीज़ पर अक्षर पटेल और ललित यादव की जोड़ी टिकी हुई थी। दोनों ही बल्लेबाज़ 15 रन बनाने में संघर्ष करते नज़र आए। दोनों लगभग दो-दो बार आउट होने से बचे. कोलकाता ने दो बार एलबीडबल्यू के लिए रिव्यू लिया लेकिन उसमें उसे कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद अंतिम दो ओवरों यानी 12 गेंदों में दिल्ली को 12 रनों की ज़रूरत थी. लेकिन 19वें ओवर में नीतीश राणा की पांचवीं गेंद पर अक्षर पटेल स्टंप आउट होते बचे। अंतिम ओवर कुलवंत खेजरोलिया ने डालना शुरू किया और दिल्ली को 6 गेंदों में 7 रनों की दरकार थी।
पहली गेंद पर अक्षर पटेल ने अपने लेग स्लिप में शॉट खेलकर दो रन लिए और डाइव मारकर रनआउट होने से बचे। दूसरी गेंद यॉर्कर आई जिसको फिर अक्षर पटेल ने अच्छे से खेलकर दो रन लिए और यह गेंद नो बॉल साबित हुई. इसी के साथ ही टीम के खाते में 3 रन आ गए. इसके बाद अगली गेंद पर दो रन लेकर उन्होंने मैच जिता दिया।
दिल्ली की टीम क्यों करती रही संघर्ष
इस मैच का टार्गेट जितना छोटा रहा हो लेकिन उसे जीतने में दिल्ली कैपिटल्स को उतने ही पापड़ बेलने पड़ गए और इसकी वजह रही उसकी बल्लेबाज़ी। इस बात को दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान डेविड वॉर्नर और टीम से जुड़े पूर्व भारतीय कप्तान और पूर्व बीसीसीआई प्रमुख सौरव गांगुली ने भी माना। पोस्ट मैच सेरेमनी के दौरान डेविड वॉर्नर ने कहा कि मैच जीतना शानदार है वो भी तब जब आप पाँच मैच हारे हों।गेंदबाज़ी हमने अच्छी की है, हम बैटिंग को लेकर सभी टीम के खिलाड़ी सब आपस में चर्चा कर रहे हैं और हमने ठीक-ठाक बल्लेबाज़ी की।उम्मीद है कि हम आगे और बेहतर क्रिकेट खेलेंगे। डेविड वॉर्नर ने बेहद सधे हुए शब्दों में अपनी बात रखी लेकिन टीम के डायरेक्टर सौरव गांगुली ने बहुत ही कड़े लहजे में टीम की कमज़ोर बल्लेबाज़ी पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि वो लक्ष्य पर पहुँचे इसमें एक उनका लकी होना भी था. दरअसल कल दिल्ली में बारिश हुई थी और टीम ने टॉस भी जीता था। रिकी पॉन्टिंग दिल्ली कैपिटल्स के कोच और सौरव गांगुली डायरेक्टर ऑफ़ क्रिकेटर हैं। रिकी पॉन्टिंग दिल्ली कैपिटल्स के कोच और सौरव गांगुली डायरेक्टर ऑफ़ क्रिकेटर हैं।
सौरव गांगुली ने कहा, “हम अपने लक्ष्य पर पहुँचे हैं क्योंकि हम लकी साइड भी थे। हमने गेंदबाज़ी अच्छी की है और पिछले मैचों में हमने अच्छी गेंदबाज़ी की है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या बल्लेबाज़ी है।” “हमें यह तलाशने की ज़रूरत है कि हम अपनी बल्लेबाज़ी कैसे बेहतर करें। ग़ैर अनुभवी बैटिंग लाइन अप हमारी ज़रूर है। हमारे पाँच मैच ठीक नहीं रहे लेकिन हमने काफ़ी मेहनत की है और हमने सिर्फ़ रिकी पोंटिंग ही नहीं बल्कि पूरी टीम के साथ बैटिंग पर काम किया है। ” सौरव गांगुली ने कहा कि उनकी कोशिश है कि बैटिंग परफ़ॉर्मेंस को ठीक कर सकें. इसके साथ ही यह जीत उनकी टीम के हर खिलाड़ी के चेहरों पर ख़ुशी लाएगी। इस जीत की कितनी ख़ुशी टीम को अगले मैच जिता पाएगी ये तो वक़्त ही बता पाएगा लेकिन अब तक खेले गए छह मैच ये ज़रूर इशारा करते हैं कि दिल्ली कैपिटल्स को अपनी बैटिंग और बॉलिंग दोनों में धार देने की ज़रूरत है। पिछले छह मैचों में से चार मैचों में उसने टार्गेट चेज़ किया है जिनमें से उसे सिर्फ़ कल जीत मिली है। और जिन दो मैचों में वो टार्गेट बचाने के लिए उतरी थी उसमें उसके गेंदबाज़ भी कोई ख़ास कमाल नहीं दिखा पाए। छह में से चार मैचों में कप्तान डेविड वॉर्नर का बल्ला चला है लेकिन बाक़ी बल्लेबाज़ों में से मनीष पांडे, अक्षर पटेल, ललित यादव ही कभी कभी अपनी बल्लेबाज़ी दिखा पाए हैं.।


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