नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाथ हिलाते हुए सड़क के किनारे खड़े लोगों का अभिवादन कर रहे थे। उनके ऊपर फूलों की बारिश हो रही थी। एक साथ ज्यादा मात्रा में फूल फेंके जा रहे थे। ऐसे में सुरक्षा का भी खतरा था। पहले से खतरे का इनपुट था। फिर भी पीएम ने गाड़ी से उतरकर पैदल चलने का फैसला किया। ऐसे में उनकी सुरक्षा में चल रहे स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG) के कमांडोज काफी अलर्ट थे। वे काले चश्मे में इधर-उधर देख रहे थे। स्थानीय पुलिस के एक अफसर भी साथ चल रहे थे। तभी कोई चीज बाहर से मोदी के आगे फेंकी गई। 7 सेकेंड का वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें यह वाकया साफ दिखाई देता है। एक दिन पहले पीएम ने केरल के कोच्चि में यह रोडशो किया था। यह मामला उसी समय का है। लाखों लोग इस वीडियो को देख चुके हैं।
जब अचानक लपका कमांडो
पीएम के पीछे दो कमांडो उन्हें प्रोटेक्शन दे रहे थे। दाहिने-बाएं भी कमांडोज का कड़ा सुरक्षा घेरा था। पीएम बाईं तरफ खड़े लोगों को हाथ हिला रहे थे। उसी तरफ साथ चल रहा कमांडो अचानक लपकता है और बाहर से फेंकी गई चीज को पकड़ लेता है। अगले ही सेकेंड वह समझ जाता है कि यह कोई खतरनाक चीज नहीं है और वह झट से पैर से उसे साइड में कर देता है। पीएम की सुरक्षा में तैनात कमांडोज कितने ऐक्टिव होते हैं, यह इस वीडियो से साफ पता चलता है।
फौरन कमांडो ने उस चीज को फेंक दिया।
चश्मा क्यों पहनते हैं एसपीजी कमांडो
इस वीडियो को देखने के बाद शायद आपके भी मन में यह सवाल उठे कि कमांडोज आंखों में चश्मा क्यों पहनते हैं? यही सवाल हमने एक पूर्व एसपीजी कमांडो से पूछ लिया। उन्होंने बताया कि आंख पर चश्मा होने से सामने खड़े लोगों को अंदाजा नहीं लग पाता है कि कमांडो की नजर किस तरफ है। अगर वह किसी संदिग्ध पर नजर गड़ाते हैं तो उसे पता नहीं चल पाता है। इससे कमांडो की सक्रियता बढ़ जाती है
जब हमने इस घटना के बारे में उन्हें बताया तो पूर्व कमांडो ने कहा कि ट्रेनिंग ही इस तरह की दी जाती है कि ऐसे समय में किसी भी खतरे का सामना किया जा सके। फूल की जगह पत्थर, स्याही या कोई खतरा भी हो सकता है, ऐसे में यूं समझिए कि चश्मे के पीछे से आंखें सब कुछ देख रही होती हैं।
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