चंडीगढ़। पंजाब के पांच बार मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल को उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल ने मुखाग्नि दी। उनके पार्थिव शरीर पर तिरंगा लपेटा गया था। उनकी अंतिम यात्रा के लिए सुखबीर बादल, दामाद आदेश प्रताप कैरों, भतीजे मनप्रीत बादल सहित पारिवारिक सदस्यों ने पार्थिव शरीर को कंधा देकर उसे ट्रैक्टर में रखा और अंतिम यात्रा रवाना हुई। इससे पहले उनका पार्थिव घर पर दर्शनार्थ रखा गया था।
परिवार के लोग बेटे सुखबीर बादल, बहू हरसिमरत कौर बादल, पोते व पोतियों सहित भतीजे मनप्रीत बादल परिवार सहित पार्थिव शरीर के पास खड़े थे। मनप्रीत बादल बार-बार चचेरे भाई सुखबीर बादल की पीठ पर हाथ रखकर उन्हें सांत्वना दे रहे थे। परिवार के सदस्य एक-दूसरे के आँसू पोंछकर आपस में ढांढस बंधा रहे थे। दिग्गज नेता सुखबीर बादल के पास आकर अपनी संवेदना जता रहे थे।
पहुंचे दिग्गज नेता
राजनीति के बाबा बोहड़ कहे जाने वाले प्रकाश सिंह बादल के अंतिम दर्शन के लिए ऐसे लग रहा था मानो पूरा पंजाब उमड़ पड़ा हो। हर रास्ता ऐसा लगा जैसे वह बादल गांव की ओर ही मुड़ रहा हो। उनकी अंतिम यात्रा में मुख्यमंत्री भगवंत मान, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंच रहे हैं। इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, सोमप्रकाश, गजेंद्र सिंह शेखावत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी पहुंचे हैं। बादल के गांव में हर आंख नम है। अंतिम यात्रा में शामिल होने और प्रकाश सिंह बादल को आखिरी विदाई देने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा भी पहुंच गए हैं। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित की।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी और कहा किबादल साहब का व्यक्तित्व सबको प्रभावित करता था। समाज के सभी वर्गों के लिए उनका जीवन समर्पित रहा। गरीबों की चिंता करना, किसानों की चिंता करना उनके स्वभाव में था। मेरे उनसे व्यक्तिगत संबंध रहे। वह सबसे बहुत प्यार करते थे। उनका जाना एक युग की समाप्ति है। शरद पवार ने कहा कि बादल राजनीति की यूनिवर्सिटी थे। उनके निधन से राजनीति में बहुत बड़ी रिक्तिता आई है।
तिरंगे में पार्थिव शरीर
प्रकाश सिंह बादल के घर से उनकी अंतिम यात्रा शुरू हो चुकी है और उनके किन्नू वाले बाग में पहुंचेगी, जहां बादल का अंतिम संस्कार किया जाएगा। बादल निवास के बाहर उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन के बाद अब यात्रा शुरू हो गई है। प्रकाश सिंह बादल के पार्थिव शरीर पर तिरंगा रखा गया है। बादल परिवार को रो-रो कर बुरा हाल है। पिता के यूं चले जाने से सुखबीर सिंह बादल टूट गए हैं। इस दुख के समय में सुखबीर सिंह बादल परिवार को संभालते नजर आए।
बता दें कि घर से एक किलोमीटर की दूरी पर संस्कार के लिए उनके किन्नू के बाग को काट जहां मैदान समतल कर दिया गया है। वहीं देर शाम तक उस मैदान पर करीब 50 फीट लंबा व 30 फीट चौड़ा एक चबूतरा तैयार किया गया है। जहां प्रकाश सिंह बादल का अंतिम संस्कार होगा। बाद में इसी चबूतरे को स्मारक में बदल दिया जाएगा।
बच्चे से बूढ़े तक फूट-फूट कर रो रहे हैं। ऐसा लग रहा मानो उनका कोई अपना चला गया हो। भला हो भी क्यों न… बाबा बोहड़ के कारण ही आज राष्ट्रीय फलक पर उनके गांव का नाम है। चलने में असमर्थ बुजुर्ग भी कोई बैसाखी तो कोई व्हीलचेयर के सहारे उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने पहुंचे। सड़क के दोनों ओर लोग हाथ में फूल किए मार्ग में पुष्पवर्षा कर रहे हैं।
बुधवार रात को गांव पहुंचा पार्थिव शरीर
पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर उनके गांव बादल में बुधवार देर रात करीब सवा दस बजे पहुंचा। पार्थिव शरीर के गांव में पहुंचने पर इकट्ठे हुए गांव सहित अन्य लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए। अंतिम दर्शन लगभग आधा घंटे तक लोग करते रहे। इस मौके पर प्रकाश सिंह बादल के बेटे और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल काफी भावुक होते दिखाई दिए।
इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को एंबुलेंस के माध्यम से ही घर के अंदर ले जाया गया। वहां पर उनके पार्थिव देह को रखा गया। रात भर अपने निवास में आखिरी बार रहने के बाद आज उनका अंतिम संस्कार होगा।
सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम
बता दें कि प्रकाश सिंह बादल की आज अंतिम यात्रा को देखते हुए पंजाब में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अंतिम संस्कार में आने वाले लोगों की भीड़ को देखते हुए पंजाब सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। मुक्तसर, फाजिल्का, फिरोजपुर और फरीदकोट की पुलिस गांव बादल में तैनात की गई है। इसके साथ ही साथ कई रूट को डायवर्ट किया गया है।
Comments are closed.