27 सितंबर यानी कल संयुक्त किसान मोर्चा ने भारत बंद का एलान किया है। इसका समर्थन अन्य किसान संगठन भी कर रहे है। किसानों ने भारत बंद तीन नए कृषि कानून के खिलाफ बुलाई है। आपको बता दे की केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया फार्म बिल ( Farm Bill) काफी लंबे समय से चर्चा का विषय बना हुआ है। इतना ही नहीं, कई किसान इसके विरुद्ध में दिल्ली एवं अन्य समस्त शहरो में प्रदर्शन करते आए है।
मोर्चा ने कहा कि बंद का आयोजन सुबह छह बजे से शाम चार बजे तक के लिए किया गया है। इस दौरान सभी सरकारी और निजी दफ्तर, शिक्षण और अन्य संस्थान, दुकानें, उद्योग और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। बंद से सभी आपात प्रतिष्ठानों, सेवाओं, अस्पतालों, दवा की दुकानों, राहत एवं बचाव कार्य और निजी इमरजेंसी वाले लोगों को बाहर रखा गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने देश के सभी लोगों से बंद में शामिल होने की अपील की है, साथ ही मोर्चे की ओर से सभी राजनीतिक दलों और राज्य सरकारों से भी भारत बंद में शामिल होने की अपील की गई है भारत बंद के मद्देनजर दिल्ली में भी सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं।
संयुक्त किसान मोर्चा के 27 सितंबर को भारत बंद के एलान के बाद से ही विपक्षी पार्टियों ने इस बंद का समर्थन करना शुरू कर दिया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी देशव्यापी हड़ताल का नैतिक समर्थन देने की बात कही है। उन्होंने कहा है की अगर जरूरत पड़ी तो वह पंजाब और गुजरात भी जाएंगी।
कांग्रेस ने ‘भारत बंद’ को समर्थन देने की घोषणा की है। पार्टी ने प्रदर्शन कर रहे किसानों से वार्ता बहाल करने की मांग भी उठाई। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी और उसके सभी कार्यकर्ता किसान संगठनों व किसानों द्वारा 27 सितंबर को बुलाए गए शांतिपूर्ण भारत बंद का समर्थन करेंगे। उन्होंने कहा, ” हम मांग करते हैं कि किसानों के साथ वार्ता प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए क्योंकि वे पिछले नौ महीने से अधिक समय से दिल्ली की सीमाओं पर बैठे हुए हैं। हम मांग करते हैं कि बिना चर्चा के लागू किए गए ये तीनों काले कानून वापस लिए जाने चाहिए।” आम आदमी पार्टी ने भी इस बंद का समर्थन करते हुए कहा की अरविंद केजरीवाल हमेशा ‘ काले कानून ’ के खिलाफ किसानों के साथ खड़े रहे है। आंध्र प्रदेश की सरकार ने भी इस बंद का समर्थन किया है।
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