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19 महीने से धरने पर बैठे जमीन दाताओं ने महकमा परिषद में सौंपा मांगपत्र, पिछले 16 सालों से है मुआवजा का इंतज़ार

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सिलीगुड़ी। पहले ते सरकार के निर्देशानुसार अपनी जमीन सरकार को देकर बेघर हुए, अब सिर पर छत के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा रहे हैं तो कभी आन्दोलन कर रहे हैं। यह स्थिति एक या दो वर्ष नहीं बल्कि पिछले लगभग 16 सालों से बनी हुई है। सिलीगुड़ी के पास माटीगाड़ा के कवाखाली में उपनगरी बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण के बाद घोषणा के मुताबिक मुआवजा नहीं मिला। इसे लेकर वर्षों से लगातार आन्दोलन चल रहा है। वहीं प्रभावित जमीन दाताओं ने पिछले 19 महीने से लगातार धरने में शामिल हैं। गुरुवार को 5 सूत्री मांग को लेकर पोराझार कवाखाली भूमि रक्षा कमेटी ने आज सिलीगुड़ी महकमा परिषद के चेयरमैन को ज्ञापन दिया।
2007 में, सिलीगुड़ी जलपाईगुड़ी विकास बोर्ड द्वारा भूमि का अधिग्रहण किया गया था। उस समय यह घोषणा की गई थी कि पुनर्वास के लिए भूखंड के रूप में 3 से 5 कट्ठा भूमि दी जाएगी। और अगर 10 कट्ठे से ज्यादा जमीन दी जाती है तो उन्हें फ्लैट दिए जाएंगे। लेकिन आज भी इसे लागू नहीं किया गया है। कई जमीन दाताओं को अभी भी सरकारी घोषणानुसार कुछ नहीं मिला है। सीपीएम के समय से अलग भूमि रक्षा कमेटी बनाकर आंदोलन की शुरुआत हुई। 2011 में राज्य में नई सरकार आने के बाद भी यह पेंच खत्म नहीं हुआ। 15 साल बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। बार-बार सिर्फ वादे किए गए हैं। इसके विरोध में आज कवाखाली क्षेत्र के भूमिहीनों ने भूमि वापसी की मांग सहित पांच सूत्री मांगों को लेकर ज्ञापन दिया।


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