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ममता बनर्जी ने फिर शुरू किया ‘मुख्यमंत्री का जनता दरबार’, सीएम के द्वार पर होगा शिकायतों का निपटारा

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री का जनता दरबार फिर से शुरू हो गया है। यह कार्यक्रम रविवार से शुरू हुआ। ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद लोगों की शिकायतें सुनने के लिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी, लेकिन कोरोना के दौरान यह बंद था। यह रविवार से फिर से शुरू हुआ। कालीघाट में मुख्यमंत्री आवास के बगल में मिलन संघ क्लब में शिकायतों को लिया जाएगा और उनका समाधान किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिकायतों को लेने की जिम्मेदारी प्रदेश तृणमूल कांग्रेस के आला नेता सुब्रत बख्शी को दी है। यह कार्यक्रम प्रत्येक रविवार को होगा और जनता की शिकायतों को निपटारा किया जाएगा। ममता बनर्जी सरकार ने लोगों से जनसंपर्क के लिए ‘दीदी के बोलो’ अभियान शुरू किया था, जिसमें शिकायतों और समस्याओं की सूचना सीधे प्रशासन को दी जाती थी। इसके बाद तृणमूल सरकार फिर ‘दीदीर दूत’ सेवा लेकर आई, जिसमें जनप्रतिनिधि आम लोगों के घरों तक पहुंचे।
उसके बाद हाल में तृणमूल कांग्रेस ने ‘दीदीर सुरक्षा कवच’ (दीदी का सुरक्षा कवच) जिसके जरिए आम लोग तरह-तरह की समस्याओं का समाधान का अभियान चलाया था। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी खुद जिलों में पैदल जनसंपर्क यात्रा कर रहे हैं।
फिर से ममता बनर्जी ने शुरू किया जनता दरबार
इस बार ममता बनर्जी के आवास के पास ‘जनता दरबार’ शुरू हो गया है. हालांकि यह कार्यक्रम आज का नहीं है। ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह जनता दरबार शुरू हुआ था, लेकिन कोरोना काल में यह बंद हो गया. कल रविवार से फिर शुरू हुआ है। मालूम हो कि कालीघाट में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के घर को जाने वाला रास्ता मिलन संघ का है. वहीं, प्रत्येक रविवार को सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक यह मंडली बैठेगी. तृणमूल के प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी इस जनसंपर्क कार्यक्रम की देखरेख करेंगे.
कल वहां सुब्रत बख्शी के अलावा सांसद शांतनु सेन, विधायक निर्मल माजी, पार्षद कजरी बनर्जी समेत अन्य मौजूद थे. बताया गया है कि जरूरत पड़ने पर प्रशासन के अधिकारी भी वहां मौजूद रहेंगे.
मुख्यमंत्री जनता दरबार में होगा शिकायतों का निपटारा
प्रशासन की ओर से दावा किया गया है कि इस दरबार में आम लोग आकर अपनी परेशानी बता सकते हैं। समस्या सुनने के बाद उसका जल्द समाधान कर लोगों तक सेवा पहुंचाई जाएगी। कहा गया है कि कोई भी राजनीतिक दल मायने नहीं रखता, कोई भी सीधे मुख्यमंत्री के पास आ सकता है और अपनी समस्याएं और यहां तक ​​कि अपनी राय भी व्यक्त कर सकता है। यदि आप कोई पत्राचार भेजना चाहते हैं, तो उसे प्रस्तुत किया जा सकता है। पहले यह कार्यक्रम नियमित रूप से प्रत्येक रविवार को आयोजित किया जाता था। सुब्रत बख्शी, बॉबी हाकिम समेत पार्टी के कई नेता और मंत्री मौजूद रहते थे. करीब 300-400 लोग आते थे और उनकी समस्या का समाधान किया जाता था।


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