लैंड फॉर जॉब्स केस में सीबीआई की रेड : आरा-पटना में लालू की करीबी आरजेडी विधायक के घर छापा; आरा से पटना तक फैला बालू कारोबार
आरा। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की करीबी और विधायक किरण देवी पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने शिकंजा कसा है। पटना में सरकारी आवास सहित भोजपुर में विधायक और उनके पति के ठिकानों पर सीबीआई की टीम पांच घंटे से तलाशी ले रही है।
पटना हज भवन स्थित राजद विधायक किरण देवी के 28 नंबर सरकारी आवास पर छापामारी चल रही है। वहीं, भोजपुर जिले के गड़हनी थाना क्षेत्र अंतर्गत अगिआंव स्थित आवास पर तलाश चल रही है। विधि व्यवस्था की समस्या नहीं हो इसके लिए केन्द्रीय सुरक्षा बल के जवानों को छापामारी के दौरान तैनात किया गया है। पटना आवास पर नौकर समेत अन्य स्टाफ भी आवास पर मौजूद हैं।
परिवार के सदस्य भी आवास पर मौजूद
करीबी सूत्रों ने बताया कि सुबह छह बजे से छापामारी जारी है। हालांकि, सीबीआई किस मामले में कार्रवाई कर रही है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। आवास पर विधायक और पूर्व विधायक समेत परिवार के अन्य सदस्य मौजूद हैं। वहीं, विधायक के करीबी भी धीरे-धीरे आवास पहुंच रहे हैं। सीबीआई के अफसर अलग-अलग गाड़ियों से पहुंचे हैं। बस से जवान आए हुए हैं।
बालू के बड़े कारोबारी हैं विधायक के पति
बता दें कि किरण देवी के पति अरुण यादव भी विधायक रह चुके हैं। अरुण यादव भोजपुर के बड़े बालू कारोबारी भी हैं। आरा से लेकर पटना तक उनका कारोबार फैला है। अरुण यादव के जेल में रहने के कारण पिछले चुनाव में संदेश विधानसभा क्षेत्र से उनकी पत्नी किरण देवी को राजद ने टिकट दिया था।
नाबालिग से दुष्कर्म मामले में जेल गए विधायक के पति
उल्लेखनीय है कि किरण देवी के पति और पूर्व विधायक अरूण यादव पर साल 2019 में एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का आरोप लगा था। पोक्सो के विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि 19 जुलाई 2019 को नगर थाना अंतर्गत कबीरगंज निवासी युवक के बयान पर अरुण देवी समेत दो लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी कराई गई थी।
इसके तीन साल बाद 16 जुलाई 2022 को पूर्व विधायक अरुण यादव ने पोक्सो के विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार सिंह के कोर्ट में समर्पण किया था। उस समय कोर्ट के आदेश पर पूर्व विधायक को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था।
साक्ष्य के अभाव में अदालत ने अरुण यादव को किया बरी
पिछले साल 12 दिसंबर 2022 को कोर्ट से उन्हें राहत मिली थी। प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय शर्मा ने साक्ष्य के अभाव में पूर्व राजद विधायक यादव को बरी कर दिया था। दुष्कर्म के मामले में नाम आने के बाद अरुण यादव ने अपनी पत्नी किरण देवी को इस सीट से राजद का टिकट दिलाया था।
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