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भारत में है दुनिया का इकलौता ऐसा आम का पेड़ जिसमें फलते हैं 300 किस्म के आम, 120 साल पुराना पेड़ अपने आप में बगीचा

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डेस्क। यह दुनिया रंग-बिरंगी है। यहां अजूबी बातें आम हैं। जी हां, आम की ही बात कर रहे हैं, लेकिन वो थोड़ा खास है। आम का एक पेड़ है, जिसमें 300 किस्म के आम लगते हैं। है न अद्भुत, लेकिन यह सत्य है। आइए जानते हैं पूरा मामला। लखनऊ को नवाबों का शहर कहा जाता है। यहां एक यूनिक आम का पेड़ है जो काफी चर्चा में रहता है। इस आम के पेड़ की खासियत है कि इस एक पेड़ में ही करीब 300 किस्म के आम लगते हैं।
यह पेड़ लखनऊ से कुछ किलोमीटर दूर मलिहाबाद चौराहे के पास मौजूद है। लखनऊ शहर के रहने वाले हाजी कलीम उल्लाह खान ने बड़ी मशक्कत के साथ एक ऐसा पेड़ इजाद किया जिसे देखने वालों की आंखें फटी की फटी रह गई। उन्होंने ग्राफ्टिंग तकनीक का सहारा लेकर एक ऐसा पेड़ इजाद किया जिसमें 300 किस्म के आम लगते हैं। इस पेड़ का राज समझने के लिए एक जापान की टीम भी यहां का दौरा कर चुकी है।
कहलाते हैं दुनिया के मैंगो मैन
हाजी कलीम साहब ने 17 साल की उम्र में ही एक पौधा इजाद किया था, जिसमें करीब 7 किस्म के आम लगते थे। इतना ही नहीं, आम पर किए गए काम को लेकर हाजी कलीम साहब को दुनिया में लोग मैंगो मैन के नाम से भी जानते हैं। इस विचित्र पेड़ में जो भी आम लगते हैं, उसे बेचा नहीं जाता बल्कि लोगों में बांट दिया जाता है। आपको बता दें कि जब आम का सीजन आता है, तब जुलाई महीने में इस पेड़ पर आम लगभग आ चुके होते हैं। हाजी कलीम साहब कहते हैं कि आम एक ऐसा पेड़ है जो अपने आप में पूरा कॉलेज है और उस पर पढ़ाई करने की जरूरत है।
एक पेड़ पर 300 तरह के आम
स्कूल छोड़ने के बाद कलीम ने ग्राफ्टिंग में अपना पहला प्रयोग किया। उन्होंने आम की नई किस्में बनाने के लिए पौधों के हिस्सों को शामिल किया। इस तरह उन्होंने सात नए प्रकार के फल पैदा करने के लिए एक पेड़ का पालन-पोषण किया। अफसोस कि वह पेड़ तूफान में उड़ गया। बाद में 1987 उन्होंने फिर से प्रयोग किया। इस तरह उन्होंने 120 साल पुराना नमूना तैयार किया, जो 300 से अधिक विभिन्न प्रकार के आमों का स्रोत, प्रत्येक का अपना स्वाद, बनावट, रंग और आकार है।
बागवानी के लिए मिला था पद्म श्री
इस काम के लिए पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा पद्मश्री से भी उन्हें सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें साल 2008 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। उनको यह सम्मान बागवानी में उनके योगदान के लिए दिया गया था। उन्हें मलिहाबाद के मैंगो मैन के नाम से भी जाना जाता है। अब उनके पॉलिटिकल आम इन दिनों खूब फेमस हो रहे हैं।
कोई भी वैराइटी एक समान नहीं
कलीम का दावा है कि जिस तरह दो फिंगर प्रिंट एक जैसे नहीं होते, उसी तरह आम की दौ वैराइटी भी एक समान नहीं हो सकती है। इसके लिए दो किस्‍मों की कलम लगाकर नई किस्‍म तैयार की जाती है। दोनों कलम को साथ जोड़ कर टेप से बांध दिया जाता है और अगले सीजन तक आम की नई वैराइटी तैयार हो जाती है। कलीम के अनुसार, आम की सबसे नई वैराइटी बॉलीवुड अभिनेत्री और 1994 की मिस वर्ल्ड ऐश्‍वर्या के नाम पर रखी गई है। यह अब तक की सबसे अच्‍छी वैराइटी भी साबित हो रही है। कलीम ने कहा, यह आम भी अभिनेत्री की तरह ही बेहद खूबसूरत है। इसका वजन भी एक किलोग्राम तक होता है।


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