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महाराष्ट्र में ‘शिवराज्याभिषेक’ उत्सव की धूम, पीएम मोदी बोले- शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाना है

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मुंबई। मराठा साम्राज्य के महान शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ के अवसर पर आज महाराष्ट्र में ‘शिवराज्याभिषेक’ उत्सव धूम-धाम से मनाया जा रहा है। नागपुर, रायगढ़ समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये गए है। शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक समारोह को याद करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने महाराष्ट्र के वीर सपूत के शौर्य और सुशासन को याद किया।
महाराष्ट्र सरकार रायगढ़ में 350वां राज्याभिषेक समारोह मना रही है। मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया पर शिवराज्यभिषेक वर्ष समारोह और शिव युग के ऐतिहासिक हथियारों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है। इस प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया। हर साल शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक की वर्षगांठ को शिवराज्याभिषेक दिवस के रूप में मनाया जाता है।
शिवाजी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि नमन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक वीडियो संदेश में कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक दिवस नई चेतना, नई ऊर्जा लेकर आया है। छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक उस कालखंड का एक अद्भुत और विशिष्ट अध्याय है। राष्ट्र कल्याण और लोक कल्याण उनकी शासन व्यवस्था के मूल तत्व रहे हैं। मैं आज छत्रपति शिवाजी महाराज के चरणों में कोटि-कोटि नमन करता हूं।“
‘एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा’
पीएम मोदी ने कहा “उन्होंने हमेश भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा। आज ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ के विजन में शिवाजी महाराज के विचारों का ही प्रतिबिंब देखा जा सकता है। सैंकड़ों वर्षों की गुलामी ने देशवासियों से उनका आत्मविश्वास छीन लिया था, ऐसे समय में लोगों में आत्मविश्वास जगाना एक कठिन कार्य था। उस दौर में छत्रपति शिवाजी महाराज ने ना केवल आक्रमणकारियों का मुकाबला किया बल्कि जन मानस में ये विश्वास भी कायम किया कि स्वयं का राज संभव है।
PM मोदी ने शिवाजी महाराज के शौर्य और सुशासन को किया याद
उन्होंने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज का व्यक्तित्व अद्भुत था। उन्होंने स्वराज की भी स्थापना और सुराज को भी कायम किया। वो अपने शौर्य के लिए भी जाने जाते हैं और अपने सुशासन के लिए भी। उन्होंने राष्ट्र निर्माण का एक व्यापक विजन भी सामने रखा। उन्होंने शासन का लोक कल्याणकारी चरित्र लोगों के सामने रखा।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने बहुत कम उम्र में ही यह साबित कर दिया था कि वे उत्कृष्ट सैन्य क्षमताओं वाले एक महान योद्धा राजा है। उनका व्यक्तित्व अद्भुत था। उन्होंने ‘सुराज’ सुनिश्चित करने के साथ ही ‘स्वराज’ की स्थापना की। वह अपनी बहादुरी के लिए जाने जाते हैं।“
‘गुलामी के निशान को हटाया’
शिवाजी महाराज के कार्य, शासन प्रणाली और कुशल नीतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “उन्होंने भारत के सामर्थ्य को पहचान कर जिस तरह से नौसेना का विस्तार किया वो आज भी हमें प्रेरणा देता है। ये हमारी सरकार का सौभाग्य है कि छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर पिछले साल भारत ने गुलामी के एक निशान से नौसेना को मुक्ति दे दी। अंग्रेजी शासन की पहचान को हटा कर शिवाजी महाराज की राज-मुद्रा को जगह दी है।“
शिवाजी के सपनों का भारत बनाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा, “इतने वर्ष के बाद भी उनके द्वारा स्थापित किए गए मूल्य हमें आगे बढ़ने का मार्ग दिखा रहे हैं। इन्हीं मूल्यों के आधार पर हमने अमृत काल के 25 वर्षों की यात्रा पूरी करनी है। यह यात्रा होगी शिवाजी महाराज के सपनों का भारत बनाने की… यह यात्रा होगी स्वराज, सुशासन और आत्म निर्भरता की… यह यात्रा होगी विकसित भारत की।“


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