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Odisha Train Accident : हादसे के बाद 200-300 लोगों की बचाई जान, आज गणेश जैसे ‘देवदूतों’ को देश कर रहा सलाम

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डेस्क। देश स्तब्ध है. मौन ह। आंखें नम हैं। न खबर देख पाने की हिम्मत बची है, न दिल गवारा कर रहा है। बस मन से सोचकर बैठा जा रहा है कि आखिर उस ट्रेन में जो सफर कर कहीं पहुंचने वाले होंगे, जिनका इंतजार हो रहा होगा। उनके क्षत विक्षत शव पहुंच रहे होंगे. ओडिशा बालासोर ट्रेन एक्सीडेंट में 288 मौतें हो चुकी हैं। एक हज़ार लोग अभी भी जिंदगी-मौत की जंग रहे हैं।
इसी बीच सबका मिशन एक ही है। हर जान बचाना है. मौतों का आंकड़ा अब नहीं बढ़ना चाहिए। जिस वक्त ट्रेन भिड़ी और हर तरफ चीख पुकार मची।उस वक्त एक शख्स था जो लोगों की जान बचा रहा था। देवदूत बनकर लोगों को निकाल रहा था। एक-एक जान के लिए ये लड़का किसी भगवान से कम नहीं था।
बहुत तेज सुनी आवाज
ऐसी आपदा के वक्त दो तस्वीरों को देखकर नाज हो रहा है। गणेश नाम का शख्स घटनास्थल के कुछ पास ही था।पहले भीषण आवाज ने उसके हाथ पैर कंपा दिए। इसके बाद उसको समझ आ गया था कि बड़ा हादसा हो गया। वो भागकर पहुंचा तो कुछ देर तो उसको कुछ समझ ही नहीं आ रहा था कि वो कहां जाए और किसकी मदद करें। हर तरफ कोहराह था. खून के छींटे थे, तड़पते लोग थे. गणेश ने बिना देर किए एक बोगी में घुसा और लोगों को बाहर निकालने लगा, जो लोग फंसे हुए थे किसी तरह उनको निकाला. इस तरह उसने 200-300 लोगों की जान बचाई. ऐसे ग़मज़दे माहौल में दो तस्वीरें कुछ राहत तो दे रही हैं.
फंसे लोगों को बाहर निकाला
एक तरफ तो वो लोग जो ये खबर सुनते ही अस्पतालों की तरफ दौड़ पड़े. लोग खून देने के लिए लाइनें लगाए हुए हैं. किसी ने कोई अपील नहीं की. कोई कानून नहीं बनाया, लेकिन बस दिल से एक बात निकली हर जान बचाना है. अस्पतालों के बाहर लाइनें लगी हुई है। आस पास के लोग भागकर राहत बचाव के लिए आगे आ गए। सेना के जवान, NDRF, SDRF, राज्य पुलिस बल सब के सब लोगों को निकालने में जुट गए। गणेश ने बताया कि जितना हो सकता था उसने लोगों को बचाया. हादसे की तस्वीर इतनी खौफनाक हैं कि जिसकी कल्पना भी नही कर सकते। एक ट्रेन के ऊपर दूसरी ट्रेन चढ़ी हुई है। शव पूरी तरह से क्षत विक्षत हो गए हैं।लाशें ऐसी हैं जिसकी पहचान कर पाना भी मुश्किल हो रहा है।
हर दिल बैठा सा, हर आंख हुई नम
पूरा देश स्तब्ध है. शोकाकुल परिवारों के ऊपर क्या बीत रही होगी ये तो केवल वो ही जान रहे होंगे। दिलासा देने वाले दे रहे होंगे लेकिन जिसके परिवार का कोई सदस्य गुजर गया होगा तो भला कौन सी बात उसको राहत दे सकती है।उसको तो बस कोई ये कह दे कि ये खबर झूठी हैं। बस इसके अलावा कुछ और नहीं। आज गणेश जैसे उन लोगों को देश सलाम कर रहा है जो ऐसे वक्त पर दूत बनकर उतर गए। लोगों की जानें बचाईं। वरना ये आंकड़ा अनुमान से ऊपर चला जाता। कुछ लोग कैमरे के सामने आ गए मगर बहुत लोग कैमरे पर नहीं आए। वो लोग भी हादसे के बाद से घटनास्थल पर मौजूद रहकर लोगों की मदद कर रहे हैं।


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