West Bengal Panchayat Election : बदलेगा चुनाव का दिन ! 14 जुलाई को इलेक्शन कराने का हाई कोर्ट का प्रस्ताव
कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के लिए नामांकन जमा करने की तारीख 15 जून से बढ़ाकर 18 जून करने और नामांकन वापस लेने की तारीख अंतिम दिन 26 जून से बढ़ाकर 21 तारीख कर करने का प्रस्ताव दिया है। उसके बाद 8 जुलाई की जगह 14 जुलाई को चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया है। हालांकि फिलहाल इस मसले पर चर्चा चल रही है और कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही इसकी जानकारी हो पाएगी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय में पंचायत चुनावों को लेकर दो जनहित याचिकाएं दायर की गई है। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और राज्य के विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा दायर किए गए थे। मामले में राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के विभिन्न हिस्सों को चुनौती दी गई है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा,” हमें आयोग के निष्पक्ष चुनाव की जानकारी है, ताकि मतदाता मतदान कर सकें. आपके पास बहुत शक्ति है। सीसीटीवी की वीडियोग्राफी की गई है? पैरामिलिट्री राज्य पुलिस की मदद कर सकती है। ” मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि आयोग इस मामले का आकलन करेगा। सेंट्रल फोर्स आएगी तो फायदा होगा, क्योंकि अगर राज्य की सारी पुलिस वोट देने जाएगी तो राज्य की कानून व्यवस्था का क्या होगा? सिविक वोलेंटियर्स पुलिस नहीं हैं. वे कुछ नहीं करेंगे।
आयोग ने नामांकन की अवधि न बढ़ाने को सही ठहराने के लिए एक बच्चे का स्कूल में दाखिला कराने का उदाहरण दिया। राज्य निर्वाचन आयोग के वकील ने कहा, “मान लीजिए मैं अपने बच्चे को स्कूल में दाखिला दिलाने जा रहा हूं। मुझे पता है कि किन दस्तावेजों की जरूरत है। मैं इसके लिए अतिरिक्त समय का दावा नहीं कर सकता.” उन्होंने कहा कि नामांकन 15 जून से बढ़ा कर 16 जून किया जा सकता है।
चुनाव आयोग ने एक दिन नामांकन बढ़ाने का दिया था प्रस्ताव
चीफ जस्टिस ने आयोग से कहा, “आप दिन में 4 घंटे दे रहे हैं। लेकिन इतना समय भी काफी नहीं है. इसके जवाब में आयोग ने कहा, ‘चार घंटे का समय दिया जा रहा है यानी उस समय तक नामांकन बंद नहीं होगा। उसके बाद दरवाजा बंद नहीं होता है. दोपहर 3 बजे तक प्रवेश करने वाले ही नामांकन कर सकेंगे।” बीजेपी के वकील की शिकायत सुनने के बाद आयोग के वकील ने कहा, ‘कानून के हिसाब से हमारे हाथ बंधे हुए हैं. लेकिन हम स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं। भाजपा के वकील ने कोर्ट को बताया कि प्रत्येक उम्मीदवार के नामांकन के लिए 40 सेकेंड का समय भी नहीं मिलता उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ”हर दिन 4 घंटे नामांकन लिया जा रहा है. 5 दिन में गणना करें तो 73 हजार अभ्यर्थियों का औसत समय 40 सेकंड भी नहीं है।”
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