नई दिल्ली। अगर क्रिकेट के दीवाने देश की सवा सौ करोड़ की आबादी के बीच भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाना कठिन माना जाता है, तो लगातार अच्छे प्रदर्शन के बूते जगह बचाए रखना भी उतना ही कठिन है। बीते कुछ साल में तो कॉम्पिटिशन इतना कड़ा हो गया कि कप्तान के अलावा किसी का भी स्थान सुरक्षित नहीं है। ऐसे ही एक प्लेयर थे केदार जाधव, जो छोटे कद से बड़े-बड़े शॉट्स लगाते थे। अपनी विचित्र साइड-आर्म गेंदबाजी एक्शन के लिए पहचाने जाते हैं। भले ही वह टेक्निकली इतने मजबूत नहीं थे, लेकिन युवा प्लेयर्स की तलाश के बीच विराट कोहली की टीम के अहम खिलाड़ियों में से एक बन गए थे।
38 वर्षीय यह प्लेयर आईपीएल 2021 तक फैंस की नजरों में बना रहा, लेकिन जनवरी 2023 में महाराष्ट्र के लिए 283 रन की शानदार पारी के साथ प्रथम श्रेणी क्रिकेट में शानदार वापसी करने में भी कामयाब हो गया। रणजी ट्रॉफी की छह पारियों में दो अर्धशतक और एक शतक के साथ केदार को आईपीएल 2023 में भी मौका मिल गया, जब उन्हें सीजन के अंत में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने बतौर रिप्लेसमेंट बुलाया। अब वह महाराष्ट्र प्रीमियर लीग (एमपीएल) के ओपनिंग सीजन में कोल्हापुर टस्कर्स की कप्तानी कर रहे हैं और मंगलवार को सोलापुर रॉयल्स के खिलाफ ओपनिंग करते हुए 85 रन की शानदार पारी भी खेली।
एक इंटरव्यू में केदार ने एमपीएल में शामिल होने, छह साल बाद आरसीबी में अपनी वापसी, प्रथम श्रेणी, टी-20 लीग में अपने प्रदर्शन के साथ भारत में वापसी करने की अपनी उम्मीद के बारे में खुलकर बात की। जाधव कहते हैं, ‘आईपीएल में मुझे ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिलता, मुझे हमेशा निचले क्रम में भेजा जाता है। यह मेरे लिए मौका है जब मैं खुद को बतौर टॉप ऑर्डर प्लेयर साबित कर सकूं। करियर को आकार देने में आपका बैटिंग ऑर्डर काफी अहम होता है।
टीम इंडिया में वापसी को लेकर केदार जाधव ने कहा कि वह उनका पूरा फोकस फिलहाल महाराष्ट्र प्रीमियर लीग पर है। उसके बाद वह प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेलेंगे। भारतीय टीम के लिए जाधव ने 2014 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे से शुरुआत की थी। अगले ही साल उन्हें जिम्बाब्वे के विरुद्ध 2015 में टी-20 इंटरनेशनल खेलने का मौका मिला। भारत के लिए साल 2020 में आखिरी मैच (वनडे) खेलने वाले केदार जाधव ने इस दौरान 73 वनडे और नौ टी-20 इंटरनेशनल मुकाबले खेले हैं।
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