भारी हिंसा के बीच पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव जारी : हिंसा में अब तक 15 मरे, दोपहर 3 बजे तक 54.32 फीसदी वोटिंग
कोलकाता। पंचायत चुनाव को लेकर पश्चिम बंगाल में हिंसा लगातार जारी है। शनिवार की सुबह सात बजे राज्य के पंचायत की 74 हजार सीटों के लिए मतदान शुरू हो गया, साथ में कई जगहों पर भारी हिंसा भी शुरू हो गई। बंगाल में अलग-अलग इलाकों में पत्थरबाजी, आगजनी के साथ-साथ लूटपाट की घटनाएं सामने आ रही हैं। कल रात से लेकर अब तक राज्य में कई जगहों पर हुई हिंसा में 15 लोगों के मारे जाने की खबर है।
मुर्शिदाबाद के बेलडांगा में कांग्रेस और तृणमूल के बीच झड़प में सत्ताधारी पार्टी के कार्यकर्ता बाबर अली की मौत हो गई। हिंसा के बाद इलाके में भारी तनाव है। गोली लगने के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता अस्पताल में भर्ती है। मतदान शुरू होते ही कूचबिहार में मतदान केंद्र में तोड़फोड़ कर दी गई है और मतपत्र लूट लिए गए हैं और आग लगा दी गई है।
3 बजे तक 54.32 फीसदी मतदान
पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा के बीच दोपहर 3 बजे तक 54.32 फीसदी मतदान हुआ है।
मुर्शिदाबाद में 5 लोगों की मौत, 100 घायल
मुर्शिदाबाद सदर अस्पताल से खबर आई है कि यहां 5 लोगों की मौत हो गई। मुर्शिदाबाद में करीब 100 लोगों के घायल होने की जानकारी सामने आई है। सदर अस्पताल में हर 2 मिनट पर एंबुलेंस आ रही है, जिसमें कि घायलों को लाया जा रहा है। मतदान के दौरान हुई हिंसा के घायलों को यहां लाया जा रहा है।
उपद्रवियों ने 20 से अधिक बम फेंक कर सेंट्रल फोर्स को निशाना बनाया
नदिया जिले के हाथीशाला ग्राम पंचायत और प्राइमरी स्कूल में जमकर हंगामा हुआ है। आरोप है कि मतदान केंद्र पर तैनात सेंट्रल फोर्स के जवानों पर बमबारी की गई। उपद्रवियों ने 20 से अधिक बम फेंक कर सेंट्रल फोर्स को निशाना बनाया, उस वक्त आत्मरक्षा के लिए केंद्रीय बलों ने पांच राउंड फायरिंग की।
मतदान पेटी को पानी में ही फेंक दिया
बंगाल में हिंसा के बीच वोटिंग चल रही है। कहीं पर बैलेट बॉक्स लेकर लोग भाग जा रहे हैं तो कहीं पर आग लगा दी जा रही है। अब हुगली के आरामबाग में ग्रामीणों ने मतदान पेटी को पानी में ही फेंक दिया।
लोकतंत्र को कुचला जा रहा है : अनुराग ठाकुर
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बंगाल हिंसा पर कहा कि बंगाल में लोकतंत्र को कुचला जा रहा है. राहुल गांधी चुप हैं क्योंकि उनको ममता बनर्जी से गठबंधन करना है. मल्लिकार्जुन खरगे भी इस पर चुप्पी साधे हुए हैं और विपक्षी दलों से भी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है. ऐसा क्या है कि ममता के साथ की बंगाल के हर चुनाव में हिंसा क्यों होती.
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