नई दिल्ली। संसद की कार्यवाही आज नए भवन में शिफ्ट हो गई। भारत ने तमाम ऐतिहासिक पलों के गवाह पुराने संसद भवन को अलविदा कहा। इसी संसद भवन के भीतर आधी रात में देश की आजादी का ऐलान हुआ था। उसे ‘लोकतंत्र का संग्रहालय’ बनाने की तैयारी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने पुराने भवन का नाम ‘संविधान सदन’ रखने का प्रस्ताव दिया है। अब नए संसद भवन में नए भारत का भाग्य रचा जाएगा। आज सुबह संसद के पुराने भवन में सांसदों का फोटो सेशन हुआ। सेंट्रल हॉल में भव्य कार्यक्रम के बाद विधिवत पूजा के साथ नई संसद में प्रवेश शुरू हुआ। लोकसभा की कार्यवाही संसद के नए भवन में दोपहर बाद 1:15 बजे शुरू होगी। नए संसद भवन में राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार दोपहर 2:15 से शुरू होगी।
नए संसद भवन पहुंचे पीएम मोदी
पीएम मोदी और सभी सांसद नए संसद भवन पहुंच चुके हैं और सभी सांसदों ने अपना-अपना स्थान ग्रहण कर लिया है। कुछ ही देर में सदन की कार्यवाही शुरू हो जाएगी और देश के लोकतंत्र में नए अध्याय की शुरुआत हो जाएगी।
‘संविधान सदन के नाम से जाना जाए पुराना संसद भवन’
संसद के विशेष सत्र के दौरान PM मोदी: मेरी प्रार्थना और सुझाव है कि जब हम नए संसद भवन में जा रहे हैं तो इसकी (पुराना संसद भवन) गरिमा कभी भी कम नहीं होनी चाहिए। इसे सिर्फ ‘पुराना संसद भवन’ कहकर छोड़ दें, ऐसा नहीं होना चाहिए। अगर आप सब की सहमति हो तो इसे भविष्य में ‘संविधान सदन’ के नाम से जाना जाए…।
‘दुनिया कर रही भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा’
संसद के विशेष सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज भारत पांचवी अर्थव्यवस्था पर पहुंचा है लेकिन पहले 3 के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। मैं जिस स्थान पर हूं उस जानकारी के आधार और विश्व के गणमान्य लोगों से बातचीत करता हूं उस आधार पर कह रहा हूं कि दुनिया आश्वस्त है कि भारत टॉप 3 में पहुंचकर रहेगाृ।” उन्होंने आगे कहा, “हमें आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को सबसे पहले परीपूर्ण करना चाहिए और यह हम से, हर नगारिक से शुरूआत होती है। एक समय ऐसा था कि लोग लिखते थे कि ‘मोदी आत्मनिर्भर की बात करता है, कहीं बहुपक्षीय के सामने चुनौती नहीं बन जाएगा।’ हमने पांच साल में देखा कि दुनिया भारत के आत्मनिर्भर मॉडल की चर्चा करने लगी है।”
दुनिया के लिए सप्लाई चेन के तौर पर उभरा
भारत आज दुनिया के लिए एक संतुलित सप्लाई चेन के रूप में उभर रहा है। आज ये विश्व की जरूरत है और उस आवश्यकता की पूर्ति करने का काम भारत ने जी20 में ग्लोबल साउथ की आवाज बनकर किया है। पीएम ने कहा, “देश का पूर्वी भाग समृद्धि से भरा हुआ है। लेकिन वहां के नौजवानों को रोजगार के लिए दूसरे इलाकों में जाना पड़ता है। ये स्थिति हमें बदलनी है और देश के पूर्वी भाग को समृद्ध बनाकर सामाजिक न्याय को मजबूती भी देनी है।”
पीएम मोदी ने कहा- “संसद ने बीते वर्षों में ट्रांसजेंडर को न्याय देने वाले कानूनों का भी निर्माण किया। इसके माध्यम से हमने ट्रांसजेंडर को भी सद्भाव और सम्मान के साथ नौकरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और बाकी सुविधाएं देने की दिशा में कदम बढ़ाया है। हमने इस सदन में अनुच्छेद-370 से मुक्ति पाने, अलगाववाद एवं आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस काम में माननीय सांसदों और संसद की बहुत बड़ी भूमिका है। जम्मू कश्मीर में इसी सदन में निर्मित संविधान लागू किया गया।”
‘कर्तव्यों के लिए प्रेरित करता है पुराना संसद भवन और सेंट्रल हॉल’
पीएम मोदी ने सेंट्रल हॉल में कहा, “ये भवन और उसमें भी ये सेंट्रल हॉल हमारी भावनाओं से भरा हुआ है, ये हमें भावुक भी करता है और हमें हमारे कर्तव्यों के लिए प्रेरित भी करता है। 1952 के बाद दुनिया के करीब 41 राष्ट्राध्यक्षों ने इस सेंट्रल हॉल में हमारे सभी माननीय सांसदों को संबोधित किया है। हमारे सभी राष्ट्रपति महोदयों के द्वारा 86 बार यहां संबोधन दिया गया है।”
पीएम मोदी ने देशवासियों को दी गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं
संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों और देशवासियों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “आज नए संसद भवन में हम सब मिलकर नए भविष्य का श्री गणेश करने जा रहे हैं। आज हम यहां विकसित भारत का संकल्प दोहराना, फिर एक बार संकल्प बद्ध होना और उसका परिपूर्ण करने के लिए जी जान से जुटने के इरादे से नए भवन की तरफ प्रस्थान कर रहे हैं।”
मल्लिकार्जुन खरगे ने याद किया स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हम सभी आज यहां एक साथ ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में भारत की संसद की समृद्ध विरासत का जश्न मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। इसी सेंट्रल हॉल में संविधान सभा की बैठक 1946 से 1949 तक हुई थी। आज हम विनम्रतापूर्वक डॉ. राजेंद्र प्रसाद, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल और बीआर अंबेडकर के योगदान को याद कर रहे हैं… ”
संसद हमारी एकता का प्रतीक है: पीयूष गोयल
संसद के विशेष सत्र के दौरान केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, “आज नए संसद भवन में प्रवेश करना एक एतिहासिक पल है और यह हम सभी के लिए यादगार रहेगा। नया संसद भवन हमारी सांस्कृतिक विरासत और आधुनिकता का जीवंत उदाहरण है। संसद हमेशा से एकता का प्रतीक रहा है… लक्ष बड़ा है, रात कठिन है लेकिन मुझे पूरा विश्वास है सदन में जो जनप्रतिनिधि बैठे हैं वे अपने दायित्वों का पूर्ण निष्ठा से निर्वाहण करेंगे और अमृतकाल में एक समृद्ध, सशक्त और विकसित भारत का सृजन का आधार बनेंगे।”
पुराने संसद भवन ने देखीं कई ऐतिहासिक घटनाएं: अधीर रंजन चौधरी
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, “इस अवसर का लाभ उठाते हुए, बिना किसी मलाल के और बिना कुछ कहे, मैं कहना चाहुंगा कि मैं इस मंच पर खड़ा होकर उत्साहित महसूस कर रहा हूं, जिसने दिग्गजों की आकाशगंगा के बीच ऐतिहासिक घटनाओं और कई महत्वपूर्ण घटनाओं का कारवां देखा है।”
सात प्रधानमंत्रियों के नेतृत्व में भविष्य को आकार लेते देखा: मेनका गांधी
संसद के विशेष सत्र के दौरान भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा, “आज यह एक ऐतिहासिक दिन है और मुझे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने पर गर्व है। हम एक नई इमारत में जा रहे हैं और उम्मीद है कि यह भव्य इमारत नए भारत की आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगी। आज, मुझे लोकसभा में सबसे वरिष्ठ सांसद के रूप में इस सम्मानित सभा को संबोधित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है… मैंने अपना अधिकांश जीवन इस संस्थान में बिताया है और मैंने 7 प्रधानमंत्रियों और भव्य इतिहास को आकार लेते हुए देखा है। एक स्वतंत्र सदस्य के रूप में मेरे पास कई कार्यकाल थे और अंततः अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा में शामिल हुई।”
विकसित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करेगा नया संसद भवन: प्रह्लाद जोशी
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सेंट्रल हॉल में जुटे सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, “आज से हमारी संसद के दोनों सदनों की बैठकें नए संसद भवन में होंगी। हम सभी जानते हैं कि यह सेंट्रल हॉल ब्रिटेन से भारत में सत्ता हस्तांतरण का गवाह रहा है। मैं नए भवन से संसद के दोनों सदनों के कामकाज को लेकर बहुत खुश और उत्साहित हूं, जो नए और उभरते भारत का प्रतीक है, जो 2047 तक प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुसार एक विकसित राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करेगा।”
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