कनाडा में फिर भारत विरोधी घिनौनी कार्रवाई : दशहरे पर खालिस्तानियों ने तिरंगे में लिपटे पीएम मोदी का पुतला जलाया, देखें वीडियो
डेस्क। कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की नाक तले एक बार फिर भारत विरोधी घिनौनी कार्रवाई को अंजाम दिया गया। यहां खालिस्तान समर्थकों ने ओटावा में दशहरा पर्व वाले दिन तिरंगे में लिपटे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भारतीय दूतावास के अधिकारियों के पुतले जलाए । इन्हें जलाते समय खालिस्तानी भारत और हिंदू विरोधी नारे भी लगा रहे थे। इस घटना के बाद से कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो फिर से अलोचनाओं में घिर गए हैं। लोग उनसे पूछ रहे हैं कि क्या वह इसी तरह से अभिव्यक्ति की आजादी का समर्थन करते हैं।
ट्रूडो सितंबर में हुए जी-20 सम्मेलन के लिए भारत आए थे। यहां पर सम्मेलन के खत्म होने के बाद उन्होंने खालिस्तानी तत्वों की अपने देश में मौजूदगी पर जवाब दिया और इसे अभिव्यक्ति की आजादी करार दे डाला था। ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विवेक की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण विरोध की स्वतंत्रता की रक्षा करेगा और यह बेहद महत्वपूर्ण है। लेकिन साथ ही कनाडा हिंसा को रोकने और नफरत को पीछे धकेलने के लिए भी काम करता रहेगा।
पिछले महीने भी ओटावा में भारत के उच्चायोग के अलावा टोरंटो और वैंकूवर में काउंसलर की इमारतों के बाहर बंद सड़कों पर कनाडाई सिखों ने प्रदर्शन किया था। ये खालिस्तान समर्थक जून में हुई हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए थे। इस दौरान भी उन्होंने तिरंगे के अलावा पीएम मोदी का पुतला जलाया था।
हरदीप सिंह निज्जर की हत्या विवाद के चलते भारत ने पिछले दिनों 41 कनाडाई राजनयिकों को निकाल दिया गया है। अमेरिका और ब्रिटेन ने इस मसले पर कनाडा का साथ दिया है। ट्रूडो की तरफ से कहा गया है, ‘भारत सरकार ने 40 राजनयिकों की राजनयिक सुरक्षा रद्द करने का फैसला किया है। सरकार भारत और कनाडा में लाखों लोगों के लिए जीवन को सामान्य रूप से जारी रखना अविश्वसनीय रूप से कठिन बना रही है। ट्रूडो की मानें तो भारत ने कूटनीति के एक बहुत ही बुनियादी सिद्धांत का उल्लंघन किया है।भारत सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि उसने कनाडा से राजनयिकों को वापस बुलाने के लिए कहकर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन किया है।
कनाडा को भारत से राजनयिकों को वापस बुलाने के लिये कहने का मकसद यह सुनिश्चित करना था कि दोनों देशों में तैनात राजनयिकों की संख्या लगभग समान हो। बता दें कि 18 सितंबर को ट्रूडो ने देश की संसद में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था। हाल ही में ट्रूडो ने एक बयान में भारत को रिश्ते बिगाड़ने का दोषी ठहराया था।
Effigies of PM Modi & Indian Embassy Officials wrapped with Indian Flag Burnt by #Khalistani Terrorists With Anti – Hindu Slogans in Terrorist Supporting Nation #Canada
Hay 𝗗𝘂𝘀𝘁𝗯𝗶𝗻 𝗧𝗿𝘂𝗱𝗲𝗮𝘂 @JustinTrudeau Do You Call this Freedom of Expression ?#DustbinTrudeau pic.twitter.com/ToNvQv8ypQ
— 𝗔𝗵𝗮𝗺 𝗕𝗿𝗮𝗵𝗺𝗮𝘀𝗺𝗶 (@TheRudra1008) October 24, 2023
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