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भतीजे से लेकर मंत्री और सांसद तक, ममता बनर्जी के वो सिपाही जो कानून के शिकंजे में आए

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कोलकता। पश्चिम बंगाल में राशन वितरण घोटाले में राज्य के वन मंत्री और टीएमसी कांग्रेस नेता ज्योतिप्रिय मल्लिक को ईडी ने गुरुवार की रात को गिरफ्तार कर लिया. लोकसभा चुनाव के पहले ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी बंगाल की सियासत में काफी अहम मानी जा रही है, क्योंकि वह राज्य की सीएम ममता बनर्जी के काफी करीबी और विश्वासप्राप्त माने जाते रहे हैं. वन मंत्री बनाए जाने के पहले वह राज्य के खाद्य मंत्री थे और खाद्य मंत्री रहने के दौरान ही उन पर राशन वितरण में घोटाला का आरोप लगा है. ऐसा नहीं है कि घोटाले के आरोप में यह राज्य में किसी पहले मंत्री या विधायक या टीएमसी नेता की गिरफ्तारी है. इसके पहले कई मंत्रियों, विधायक और टीएमसी नेताओं की विभिन्न आरोपों के तहत गिरफ्तारी हो चुकी है.
राज्य में सत्ता में आने के बाद से तृणमूल कांग्रेस के नेताओं पर चिटफंड घोटाला, गौ तस्करी, शिक्षक भर्ती घोटाला, कोयला घोटाला, नगरपालिका भर्ती घोटाला, दमकल में नियुक्ति घोटाला सहित कई आरोप लगे हैं और इन मामलों में कई नेता और अधिकारियों की गिरफ्तारी हुई है. हाल में टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा का पर भी लोकसभा में सवाल के बदले कैश और गिफ्ट लेने का आरोप लगा है. बीजेपी के सांसद निशिकांत दुबे ने इस बाबत लोकसभा अध्यक्ष से उनकी सदस्यता खारिज करने की मांग की है. लोकसभा की आचार समिति पूरे मामले की जांच कर रही है और 31 अक्टूबर को महुआ मोइत्रा को पूछताछ के लिए तलब किया गया है.
कोयला घोटाले में ईडी और सीबीआई ने ममता बनर्जी के भतीजे और सांसद अभिषेक बनर्जी, अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुचिरा बनर्जी, रुचिरा बनर्जी की बहन सहित कई लोगों से पहले पूछताछ की है. शिक्षक भर्ती घोटाले में भी अभिषेक बनर्जी का नाम सामने आया है.उन पर आरोप लगे हैं. ममता बनर्जी लगातार ईडी और सीबीआई की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित करार देती रही हैं, पर केंद्रीय एजेंसियां और बीजेपी द्वारा इस आरोप को खारिज किया जाता रहा है.
पिछले कई दिनों से ईडी की नगरपालिका में नियुक्ति और राशन वितरण घोटाले को छापेमारी चल रही थी. इसके पहले खाद्य मंत्री और कई नगरपालिकाओं के चेयरमैन के घर पर छापेमारी हुई थी. अब गुरुवार की रात को वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक की गिरफ्तारी हुई है. आज उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा और ईडी अपने रिमांड की फरियाद करेगी, लेकिन भ्रष्टाचार के आरोप में टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारी की लिस्ट लगातार लंबी होती जा रही है. आइए एक नजर डालते हैं टीएमसी के गिरफ्तार नेताओं पर-
ज्योतिप्रिय मल्लिक, वन मंत्री
27 अक्टूबर 2023. राशन वितरण मामले में ज्योतिप्रिय मल्लिक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. ईडी ने रात भर घर पर छापेमारी की. देर रात उन्हें साल्टलेक के सीजीओ कॉम्प्लेक्स ले जाया गया और उनसे पूछताछ की गई. मामले की जांच के बाद राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. 2020 में राशन वितरण में भ्रष्टाचार का पहला आरोप लगा था. 2020 से 2022 के बीच नदिया जिले में तीन मामले दर्ज किये गये थे. उसी के आधार पर ईडी ने जांच शुरू की थी.
पार्थ चटर्जी, पूर्व शिक्षा मंत्री
23 जुलाई 2022 को राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया गया. पार्थ चटर्जी को भर्ती भ्रष्टाचार मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने गिरफ्तार किया था. ईडी ने पार्थ चटर्जी के आवास पर छापेमारी की थी और उसके बाद उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापेमारी की थी. अर्पिता मुखर्जी के आवास से लगभग 50 करोड़ नकद कैश मिले थे. उन पर शिक्षकों की नियुक्ति में भ्रष्टाचार करने का आरोप है. उनकी गिरफ्तारी के बाद कई शिक्षा विभाग के पूर्व आला अधिकारियों की भी गिरफ्तारी हुई थी. फिलहाल सभी जेल हिरासत में हैं.
अनुव्रत मंडल, बीरभूम टीएमसी जिला अध्यक्ष
11 अगस्त 2022 को गौ तस्करी के मामले में अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया गया था. सीबीआई ने बीरभूम के बाहुबली अनुब्रत बनर्जी के बोलपुर स्थित घर से गिरफ्तार किया था. अनुव्रत मंडल की गिरफ्तारी के बाद उनकी बेटी सुकन्या मंडल को भी गिरफ्तार कर लिया गया. इन पर गाय तस्करी और कोयला तस्करी में शामिल होने का आरोप है. फिलहाल अनुव्रत मंडल, उनकी बेटी सुकन्या मंडल सहित उनके करीबी दिल्ली के तिहाड़ जेल में हैं.
माणिक भट्टाचार्य, टीएमसी विधायक
11 अक्टूबर 2022 को तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था. नादिया के पलाशीपारा के इस विधायक को शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि टीईटी में फर्जी उत्तर पुस्तिका जमा कर अयोग्य लोगों ने नौकरी हासिल कर ली और आरोप था कि माणिक भट्टाचार्य ने जानबूझकर उन्हें नौकरी दिलवाई. माणिक प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष थे और पार्थ चटर्जी के काफी करीबी माने जाते थे. भर्ती मामले में माणिक भट्टाचार्य की दूसरी गिरफ्तारी थी. फिलहाल जेल में हैं.
जीबनकृष्ण साहा, टीएमसी विधायक
17 अप्रैल 2023. मुर्शिदाबाद के विधायक जीबनकृष्ण साहा को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है. जीबनकृष्णा को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तार किया गया था. 65 घंटे की लगातार तलाशी के बाद इस तृणमूल विधायक को गिरफ्तार किया गया. उन पर कैश के बदले शिक्षक की नौकरी देने का आरोप लगा था. आरोप है कि उनकी शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत थी और अयोग्य लोगों को कैश के बदले नौकरी दी थी. फिलहाल जेल हिरासत में हैं.
कुंतल घोष, पूर्व टीएमसी युवा नेता
21 जनवरी 2023. कुंतल घोष को शिक्षक भर्ती भ्रष्टाचार मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था. निजी कॉलेज संगठन के नेता तापस मंडल से पूछताछ के बाद कुंतल का नाम सामने आया. कुंतल हुगली के तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता थे. आरोप है कि वह पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के लिए काम करते थे और स्थानीय स्तर पर अयोग्य युवाओं को अनैतिक रूप से शिक्षक की नौकरी दिलाने में मदद की थी. फिलहाल जेल हिरासत में हैं.
शांतनु बनर्जी, पूर्व टीएमसी युवा नेता
11 मार्च 2023 को कुंतल घोष के करीबी शांतनु बनर्जी को ईडी ने गिरफ्तार किया था. वह शांतनु हुगली जिला परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी थे. कुंतल की तरह, हुगली के तृणमूल कांग्रेस के युवा नेता को 7 घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था. जांचकर्ताओं ने बालागढ़ में उसके घर से एडमिट कार्ड, विभिन्न दस्तावेज बरामद किए थे. फिलहाल यह भी जेल हिरासत में हैं.

 


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