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नेपाल में विनाशकारी भूकंप से तबाही ही तबाही, मरने वालों की संख्या 154 हुई, मलबों में अब भी दबे हैं सैकड़ों

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नई दिल्ली। नेपाल में शुक्रवार रात आए तेज भूकंप ने भारी तबाही मचाई है। 6.4 तीव्रता वाले इस भूकंप के कारण कई इमारतें ढह गई हैं। इस शक्तिशाली भूकंप में कम से कम 154 लोगों की मौत हो गई। वहीं दर्जनों लोग घायल गंभीर रूप से घायल हो गए है, जिनकों इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, सैकड़ों लोग मलबों के नीचे हुए है, इसलिए अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। इतनी मौतों की वजह ये है कि जब भूकंप आया तो लोग अपने घरों में सो रहे थे। लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिल पाया। यदि यह दिन में आता तो थोड़ा काम नुकसान होता। शक्तिशाली भूकंप से दिल्ली, लखनऊ, पटना सहित भारत तक की इमारतें हिल गईं।
6.4 तीव्रता वाले भूकंप ने मचाई तबाही
जाजरकोट से काठमांडू करीब 500 किलोमीटर पश्चिम में है। भूकंप आने के बाद काठमांडू में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप की तीव्रता 6.4 रही थी। भूकंप का केंद्र नेपाल में अयोध्या से लगभग 227 किलोमीटर उत्तर में 10 किलोमीटर की गहराई में था। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि नेपाल के इस इलाके में दर्जनों घर ढह गए। इस भूकंप से अब तक 128 की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग मलबे में दब गए। संभावना जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने जताया दुख
भूकंप से हुई क्षति को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने लेकर दुख जताया है। नेपाल पीएमओ ने एक्‍स पर लिखा कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शुक्रवार रात 11:47 बजे जजरकोट के रामीडांडा में आए भूकंप से हुई क्षति पर गहरा दुख व्यक्त किया है। घायलों के तत्काल राहत और बचाव के लिए 3 सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है।
मोबाइल टावर और पुलिस का संचार सेट नहीं कर रहा काम
जाजरकोट प्रमुख जिला अधिकारी सुरेश सुनार के मुताबिक भूकम्प के इपीसेंटर रहे पैंक और बारेकोट इस समय तक पूरी तरह से संपर्क विच्छेद हो गया है। टेलीफोन और मोबाइल टावर के साथ साथ पुलिस का संचार सेट भी वहां काम नहीं कर पा रहा है जिसके कारण वहां से कोई जानकारी नहीं मिल पा रही है।


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