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ट्रंप ने किया दवाइयों पर 100% टैरिफ लगाने का एलान, पहले दी थी छूट; भारत-अमेरिका पर क्या होगा असर?

वॉशिंगटन। अमेरिका में एक अक्तूबर से दवाइयों से लेकर भारी ट्रकों तक आयातित सामान महंगे हो जाएंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवाइयों, किचन कैबिनेट, बाथरूम वैनिटी, गद्देदार फर्नीचर और भारी ट्रकों पर नए आयात शुल्क यानी टैरिफ लगाने की घोषणा. . .

वॉशिंगटन। अमेरिका में एक अक्तूबर से दवाइयों से लेकर भारी ट्रकों तक आयातित सामान महंगे हो जाएंगे। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दवाइयों, किचन कैबिनेट, बाथरूम वैनिटी, गद्देदार फर्नीचर और भारी ट्रकों पर नए आयात शुल्क यानी टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि दवाइयों पर 100 फीसदी, किचन कैबिनेट और बाथरूम वैनिटी पर 50 फीसदी, फर्नीचर पर 30 फीसदी और भारी ट्रकों पर 25 फीसदी आयात कर लगाया जाएगा।
गुरुवार को उनके सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि अगस्त में लगाए गए आयात करों और व्यापार समझौतों के बाद भी ट्रंप टैरिफ लगाने के पक्षधर हैं। ट्रंप का मानना है कि इन टैरिफ से सरकार का बजट घाटा कम होगा और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इससे महंगाई और ज्यादा बढ़ सकती है और आर्थिक विकास पर भी असर पड़ेगा। खासकर दवाइयों पर टैरिफ का असर भारत के फार्मा उद्योग पर पड़ने की संभावना है।

भारत पर पड़ सकता है नए टैरिफ का असर

ट्रंप के दवाओं के आयात पर 100 फीसदी टैरिफ लगाने के फैसले का भारत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। खासकर देश के दवा निर्माण उद्योग पर। बीते वित्त वर्ष में भारतीय उद्योगों की तरफ से दुनिया को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये (27.9 अरब डॉलर) की दवाओं का निर्यात हुआ था। इसमें अमेरिका को ही करीब 77 हजार करोड़ रुपये (8.7 अरब डॉलर) की दवाएं निर्यात हुई थीं।
भारत के दवा निर्माताओं के लिए अमेरिका सबसे बड़ा बाजार रहा है। 2025 के पहले छह महीनों में ही अमेरिका को कुल 32 हजार 505 करोड़ रुपये (3.7 अरब डॉलर) की दवाओं का निर्यात हो चुका है। ऐसे में 100 फीसदी टैरिफ लगने से अमेरिका में भारत की सस्ती दवाएं भी महंगी दरों पर बिकेंगी।
जिन कंपनियों पर इस टैरिफ का सबसे ज्यादा असर पड़ने की संभावना है, उनमें डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा, लुपिन समेत कई कंपनियां शामिल हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि ट्रंप के टैरिफ का सबसे ज्यादा असर ब्रांडेड या पेटेंट कराई हुई दवाओं पर पड़ने की आशंका है, हालांकि जेनेरिक दवाओं को लेकर भी संशय की स्थिति है।

अमेरिका में विनिर्माण संयंत्र बनाने वाली कंपनियों पर लागू नहीं होगा आयात कर

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर कहा कि दवाइयों पर लगने वाले नए आयात कर उन कंपनियों पर लागू नहीं होंगे, जो अमेरिका में विनिर्माण संयंत्र बना रही हैं या निर्माण कार्य शुरू कर चुकी हैं। हालांकि, यह साफ नहीं है कि जिन कंपनियों के पहले से ही अमेरिका में कारखाने हैं, उन पर यह छूट लागू होगी या नहीं।
जनगणना ब्यूरो के अनुसार, अमेरिका ने 2024 में करीब 233 अरब डॉलर की दवाइयां और औषधीय उत्पाद आयात किए थे। ऐसे में दवाओं की कीमत दोगुनी होने की आशंका से लोगों के स्वास्थ्य खर्च, मेडिकेयर और मेडिकेड योजनाओं पर भी बोझ बढ़ सकता है।

जेरोम पॉवेल ने महंगाई बढ़ने की दी थी चेतावनी

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि वस्तुओं की बढ़ती कीमतें महंगाई को और ऊपर ले जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इस साल बढ़ी हुई महंगाई का बड़ा हिस्सा वस्तुओं की ऊंची कीमतों की वजह से है।


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