लखीमपुर हिंसा मामले में अदालत की निगरानी में स्वतंत्र जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। सुनवाई के दौरान CJI एनवी रमन ने गवाहों के ऊपर सवाल उठते कहा की गवाहों के मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए ? इस सवाल पर यूपी सरकार के तरफ से कहा गया की 30 गवाहों के बयान दर्ज कराए गए हैं। इनमे से 23 चश्मदीद गवाह बताए गए हैं। इस बात पर फिर सवाल उठते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा की रैली बारे पैमान में चल रही थी। काफी संख्या में वहा किसान मौजूद थे ऐसे में सिर्फ 23 चश्मदीद मिले? यूपी सरकार की ओर से साल्वे ने कहा कि हमने सार्वजनिक विज्ञापन देकर यह मांगा है कि जो चश्मदीद गवाह हैं, वो सामने आएं, जिन्होंने कार में असल में लोगों को देखा था। हमने घटना के सभी मोबाइल वीडियो और वीडियोग्राफी पर भी ध्यान दिया है।
जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वहां पर चार- पांच हजार लोग थे, जो लोकल थे। साल्वे ने जवाब दिया कि ज्यादातर लोकल थे, लेकिन बाहरी भी थे। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि घटना के बाद भी बड़ी संख्या में लोग थे जो जांच की मांग कर रहे थे। इस पर साल्वे बोले- यहां सवाल चश्मदीदों का है। CJI ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि इन मामलों में हमेशा एक संभावना होती है। साल्वे ने कहा कि हम समझ रहे हैं। CJI ने कहा अपनी एजेंसी से यह देखने के लिए कहें कि घटना के बारे में बात करने वाले 23 लोगों के अलावा और कितने लोग हैं, जिन्होंने घटना देखी। साल्वे ने पूछा कि क्या हम आपको सीलबंद लिफाफे में गवाहों के कुछ दर्ज बयानों के बारे में दिखा सकते हैं?
हालाकि लंबे समय के बहस के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला जिसके बाद अब अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।
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