मालदा। फुटबॉल ग्राउंड से तृणमूल कांग्रेस ने खेला होबे का नारा दिया। साथ ही विरोधी शून्य की बात भी कही। सत्ता दल के नेताओं ने कहा कि विधानसभा चुनाव की तरह ही विकास का खेला पंचायत चुनाव में भी होगा। केएमसी चुनाव में मिली जीत से जोड़ा फूल दल बेहद उत्साहित है। हालांकि चुनाव में हिंसा को लेकर भाजपा ने पलटवार किया है, जिसे लेकर मालदा की राजनीति गरमा गई है।
मालदा के हरिश्चंद्रपुर इलाके के सादलीचक मैदान में सादलीचक अंचल तृणमूल कांग्रेस द्वारा एक फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया था। बुधवार को उसी का फाइनल था। साथ ही इस दौरान इलाके के गरीब विद्यार्थियों को कंबल और शीत वस्त्र दिए गए। फाइनल मैच देखने के लिए मौके पर मालदा जिला तृणमूल कांग्रेस सभापति अब्दुर रहीम बक्सी, हरिश्चंद्रपुर के विधायक तजमुल हसन, जिला तृणमूल कांग्रेस सचिव बुलबुल खान, युवा नेता जियाउर रहमान, पंचायत समिति के शिक्षा कर्माध्यक्ष मनिरुल इस्लाम और अशराफुल हक सहित अन्य नेता उपस्थित थे।
दरअसल विधानसभा चुनाव के बाद केएमसी चुनाव के नतीजों से शासक दल के नेताओं का मनोबल बढ़ा है। इसी का परिणाम देखा गया हरिश्चंद्र पुर इलाके के तृणमूल नेताओं की आवाज में। विधानसभा चुनाव में मालदा में भी तृणमूल ने अच्छा किया था और इसी दौरान तृणमूल प्रवक्ता देवांशु भट्टाचार्य का स्लोगन ‘खेला होबे’ राज्य की राजनीति में जबरदस्त लोकप्रिय हुआ। इस स्लोगन को लेकर जिस तरह से तृणमूल ने राजनीतिक वैतरिणी पार की, उसी तरह खेल के आयोजन में भी तृणमूल इसका इस्तेमाल कर रही है। इस दिन फुटबॉल के मैदान से भी तृणमूल ने आगामी पंचायत चुनाव को लेकर खेला होबे का नारा दिया। उनका विश्वास है सीएम ममता बनर्जी के विकास कार्यों के बल पर तृणमूल पंचायत चुनाव में भी अच्छा करेगी। शासक दल के नेताओं ने इस बार भी विरोधी शुन्य का नारा दिया है। हालांकि इसे लेकर राजनीति गरमा गई है। बीजेपी ने खेला होबे के जवाब में कहा है कि तृणमूल खून का खेला खेल रही है।
मालदा जिला तृणमूल कांग्रेस की सचिव बुलबुल खान ने बताया कि पंचायत चुनाव में भी खेला होगा, विकास का खेला। विरोध नहीं बचेंगे। सीएम ने जिस तरह विकास की योजनाओं साथ लोगों को लाभ पहुंचाया है, इसी को लेकर लोग तृणमूल का समर्थन कर रहे हैं। इस बार दिल्ली में भी खेला होगा।
युवा तृणमूल नेता अशरफुल हक ने बताया कि यहां तृणमूल कांग्रेस की ओर से फुटबॉल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था। जिसका बुधवार को फाइनल था। साथ ही वस्त्र वितरण भी किया गया। पढ़ने-लिखने के साथ खेल-कूद भी जरूरी है। उन्होंने ने कहा केएमसी चुनाव में पार्टी ने जो विकास का खेल खेला है, पंचायत चुनाव में भी यही होगा।
इसे लेकर भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा जिला सचिव किसान केडिया ने बताया कि चुनाव की जरूरत नहीं है, क्योंकि चुनाव होने पर c है। इससे अच्छा है निर्वाचन आयोग तृणमूल को बिना चुनाव के ही विक्टरी सर्टिफिकेट दे दे। इससे जनता के पैसों की बर्बादी भी बचेगी और कई जानें भी बच जायेंगी।
पिछले विधानसभा चुनाव में हरिश्चंद्र पुर विधानसभा से पहली बार तृणमूल ने जीत हासिल की है। राज्य में भी ममता मैजिक जारी है। इस कारण इलाके के तृणमूल नेता पंचायत चुनाव में भी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त हैं। हालांकि भाजपा ने बार-बार यह दावा किया है कि प्रशासनिक शक्तियों का दुरूपयोग कर तृणमूल हिंसा कर रही है। इसे लेकर राज्य के दो मुख्य दलों के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है।
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