डेस्क। अजीब विवाह अनुष्ठान: विभिन्न देशों में, विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं के तहत, विवाह अनोखे तरीकों से किए जाते हैं। जैसा कि आपने बताया कि एक गांव में ऐसा अनोखा नजारा है जहां दो लड़के आपस में शादी करते हैं। हम इस अनूठी परंपरा के पीछे के कारण और महत्व को समझने में रुचि रखते हैं, जो इसे एक अनोखी घटना बनाती है।
विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से, विवाह एक महत्वपूर्ण घटना है जो समाज में बंधन बनाती है और जीवन के एक नए चरण की शुरुआत करती है। दुनियाभर में शादी को लेकर अलग-अलग परंपराएं हैं, जैसा कि आपने बताया कि हिंदू धर्म में शादी को सात जन्मों का बंधन माना जाता है।
दिलचस्प बात यह है कि हमारे देश में भी ऐसी अनोखी परंपराएं हैं, जो शादी को एक नए और अनोखे नजरिए से देखती हैं। दो लड़कों के बीच शादी की यह परंपरा एक बहुत ही अनोखा उदाहरण है, जहां यह पता चलता है कि रिश्ते अलग-अलग रूप में आ सकते हैं और समाज में स्वीकार किए जा सकते हैं। इस अनोखी परंपरा के पीछे की हकीकत और इसके महत्व को समझकर हम अपने समाज में विविधता और सामाजिक सोच के बारे में महत्वपूर्ण बातें सीखते हैं।
सुनने में भले ही आपको यह अटपटा लगे लेकिन यह पूरी तरह सच है। दरअसल, भारत के एक राज्य में दो लड़कों ने आपस में शादी कर ली है। होली के त्योहार से पहले इस परंपरा का पालन किया जाता है. दरअसल, राजस्थान राज्य में एक ऐसा गांव है, जहां होली से पहले दो लड़कों की शादी कराने की अजीब परंपरा है।
शादी धूमधाम से की जाती है
भारत के राजस्थान राज्य के बड़ोदिया गांव में दो लड़कों की शादी कराने की परंपरा है। यह है। यह होली से ठीक पहले किया जाता है. ग्रामीण हर साल इस परंपरा का पालन करते हैं और गांव के अधिक से अधिक लोग इस समारोह में भाग लेते हैं। गांव के पुराने लोगों के मुताबिक, होली से ठीक एक रात पहले इस परंपरा के तहत दो लड़कों की शादी कराई जाती है. इस परंपरा के अनुसार दो छोटे लड़कों को दूल्हा-दुल्हन बनाया जाता है। इस अनोखी शादी में गांव के सभी लोग शामिल होते हैं और खूब मस्ती करते हैं.
ऐसे चुनते हैं दूल्हा-दुल्हन
दूल्हे और दुल्हन का चुनाव खास तरीके से किया जाता है। दूल्हा-दुल्हन वही लड़के बनते हैं, जो शादीशुदा हैं या नहीं। इनका चुनाव गोरिया समुदाय के लोगों द्वारा किया जाता है और इस प्रक्रिया को गेरिया कहा जाता है। दोनों लड़कों की विधि विधान से शादी करा दी गई है. शादी के अगले दिन उन्हें बैलगाड़ी में बैठाकर पूरे गांव में घुमाया जाता है। इसके बाद सभी लोग एक-दूसरे पर रंग डालकर होली का त्योहार मनाते हैं।
यह कारण है
बरोदिया गांव में इस अजीबो-गरीब शादी की परंपरा के पीछे एक खास वजह है। यह गांव कई वर्षों तक दो भागों में बंटा हुआ था। ऐसे में दोनों गांवों के लोगों के बीच प्यार बनाए रखने के लिए यह अनोखा तरीका निकाला गया. दोनों गाँवों से एक-एक लड़का चुना गया और उसकी शादी करा दी गई। तभी से यह परंपरा चली आ रही है.
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