सिलीगुड़ी। उत्तर बंगाल के नागराकाटा इलाके में हाल ही में हुए हमले में घायल हुए भाजपा विधायक शंकर घोष ने अस्पताल से छुट्टी मिलते ही एक बार फिर उसी इलाके में राहत सामग्री लेकर जाने का ऐलान किया है, जहां उन पर हमला हुआ था। घायल अवस्था में भी उनका जज़्बा कम नहीं हुआ है। अस्पताल से सीधा बाहर निकलते ही वे राहत सामग्री अभियान में जुट गए और कहा, “मारना है तो मार दो, लेकिन मैं रुकने वाला नहीं हूं।”
हमले के बावजूद अडिग इरादा
कुछ दिन पहले भाजपा सांसद खगन मुर्मू और विधायक शंकर घोष नागराकाटा में बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच राहत सामग्री बांटने गए थे, जहां उन पर हमला किया गया। शंकर घोष पर ईंटबाज़ी हुई, पीठ पर लातें मारी गईं और पीछे से धक्का देकर गिराया गया। इसके बाद उन्हें सिलीगुड़ी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
बुधवार को अस्पताल से छुट्टी मिलने के तुरंत बाद, गुरुवार सुबह शंकर घोष एक बार फिर मैदान में उतर पड़े और अपने वार्ड में त़्राण संग्रह अभियान की शुरुआत की।
“घायल हाथ, लेकिन हौसला मजबूत”
विधायक के दाहिने हाथ में अब भी चोट है, जिसे सपोर्ट में रखा गया है। इसके बावजूद उन्होंने कहा, “मैं घर में बैठने वाला इंसान नहीं हूं। अगर मारना है तो एकदम मार दो, नहीं तो मुझे कोई नहीं रोक सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जीवन है, तब तक काम से छुट्टी नहीं मिलती। “अगर त़्राण देने गए और वहां मार खाई, तो क्या अब त़्राण लेकर नहीं जाऊंगा? ये मेरी आत्मा के खिलाफ होगा,” उन्होंने दृढ़ता से कहा।
तृणमूल पर तीखा हमला
इस घटना पर तृणमूल कांग्रेस की प्रतिक्रिया को लेकर शंकर घोष ने पलटवार करते हुए कहा, “तृणमूल कोई राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक व्यापारिक संस्था है। जो लोग ब्लड डोनेशन कैंप तोड़ते हैं, त़्राण देने गए लोगों को पीटते हैं, उन्हें राजनीतिक दल कहना राजनीति का अपमान है।”
गिरफ्तारी और जांच पर बयान
इस हमले में अब तक कुल चार लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। भाजपा की ओर से कुल 8 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। शुभेंदु अधिकारी ने हमलावरों की पहचान करने में मदद की थी। शंकर घोष ने कहा, “कौन गिरफ्तार हुआ है, मैं नहीं जानता। अगर सही लोग पकड़े गए हैं तो इसका मतलब जांच सही दिशा में जा रही है।”
मुख्यमंत्री के ‘अंतर्द्वंद्व’ बयान पर जवाब
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हमले को भाजपा के अंदरूनी विवाद का नतीजा बताया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शंकर घोष ने तंज कसते हुए कहा, “तो फिर जब मुख्यमंत्री खुद नंदीग्राम में घायल हुई थीं, तो क्या वो भी तृणमूल का अंतर्द्वंद्व था? उनके बयान पर जवाब देना ही असहज लगता है।”