Universe TV
हर खबर पर पैनी नजर

आग से तो हम हमेशा खेलते रहे हैं-मुख्यमंत्री की सदस्यता पर बोले हेमंत सोरेन

- Sponsored -

- Sponsored -


रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता पर निर्वाचन आयोग ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल रमेश बैस को भेज दी हैं। राज्यपाल रमेश बैस रांची पहुंच गये हैं। थोड़ी देर में निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट में क्या है, उसका खुलासा हो सकता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बोले- आग से तो हम हमेशा खेलते रहे
निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक होने से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पत्रकारों ने पूछा कि क्या आप अग्निपरीक्षा के लिए तैयार हैं।इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि- आग से तो हम हमेशा खेलते रहे।
4:30 बजे झामुमो का संवाददाता सम्मेलन
झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से गुरुवार को अपराह्न 4:30 बजे संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया है। बरियातु स्थित पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में झामुमो के वरिष्ठ नेता सुप्रियो भट्टाचार्य एवं सांसद विजय हांसदा संवाददाताओं को संबोधित करेंगे. झामुमो की ओर से यह जानकारी दी गयी है।
किसी मंत्री, विधायक को मुख्यमंत्री आवास नहीं बुलाया गया: विनोद पांडे
झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता विनोद पांडे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी पर्दे के पीछे से खेलती है। झारखंड मुक्ति मोर्चा फ्रंट पर खेलता है। जब से झारखंड में हेमंत सोरेन की अगुवाई में महागठबंधन की सरकार बनी है, तभी से उसे अस्थिर करने की कोशिश की जा रह है।विनोद पांडे ने कहा नंबर हमारे साथ है, तो दिक्कत कहां है। उन्होंने कहा कि किसी भी मंत्री, विधायक को मुख्यमंत्री आवास नहीं बुलाया गया है, जिन लोगों को मीडिया से खबरें मिल रही हैं, वे सीएम आवास पहुंच रहे हैं।
मामला क्या है?
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री पद के दुरुपयोग का आरोप है। इस मामले में ही झारखंड के राज्यपाल ने सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने को लेकर चुनाव आयोग की राय मांगी थी। गुरुवार को चुनाव आयोग ने इस संबंध में अपनी रिपोर्ट भेज दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आयोग ने राज्यपाल को सोरेन की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है। सोरेन पर मुख्यमंत्री रहते हुए अपने नाम पर खनन पट्टे लेने का आरोप है।
तो क्या सोरेन की सदस्यता जा सकती है?
मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ऐसा करना जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 9(A) के तहत गंभीर मामला है। अगर चुनाव आयोग को आरोपों में सच्चाई मिलती है तो हेमंत सोरेन की सदस्यता जा सकती है। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर पांच साल तक के लिए चुनाव लड़ने पर भी रोक लग सकती है।
सोरेन की सदस्यता गई तो झारखंड में क्या होगा?
विधानसभा सदस्यता जाने पर हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। राज्य में नए सिरे से सरकार का गठन होगा। हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के विधायकों को अपना नया नेता चुनना होगा। विधायक दल का नया नेता राज्य का अगला मुख्यमंत्री बन सकता है। राज्य में JMM, कांग्रेस, राजद, एनसीपी की गठबंधन सरकार है। ऐसे में नए नेता के लिए JMM को अपने सहयोगी दलों से भी बातचीत करनी पड़ेगी। इनमें भी सबसे बड़े सहयोगी कांग्रेस की राय सबसे ज्यादा अहम होगी।
हेमंत सोरेन की जगह कौन बन सकता है JMM का नया नेता?
कुछ दिन पहले ही भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया था कि हेमंत अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। सोरेन के पास मौजूद विकल्पों में इस बात के आसार काफी ज्यादा बताए भी जा रहे हैं। दरअसल, हेमंत के साथ उनके भाई बसंत सोरेन पर भी अयोग्यता की तलवार लटक रही है। वहीं, उनके पिता शिबू सोरेन भी राज्य के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। शिबू सोरेन पर भी कई मामले चल रहे हैं। साथ ही उनका स्वास्थ्य भी खराब रहता है। मां रूपी सोरेन की उम्र और खराब सेहत की वजह से उनके भी इस पद के लिए चुने जाने के आसार बहुत कम हैं। ऐसे में हेमंत सोरेन के पास परिवार में सिर्फ दो ही विकल्प बचते हैं। उनकी पत्नी कल्पना सोरेन और उनकी भाभी दुर्गा सोरेन। सीता सोरेन की तुलना में कल्पना के ऊपर हेमंत विश्वास जता सकते हैं।
हालांकि, इसके लिए उनकी पार्टी में सहमति बनानी होगी। कल्पना को मुख्यमंत्री बनाने से पार्टी के वरिष्ठ नेता बगावत कर सकते हैं। इतना ही नहीं उनकी विधायक भाभी सीता सोरेन भी बागी हो सकती हैं। साथ ही विपक्ष कल्पना सोरेन के नाम पर रजिस्टर्ड जमीन खरीदने का भी मुद्दा उठाकर कल्पना की मुश्किलें बढ़ा सकता है।
परिवार के बाहर कौन हो सकता है चेहरा ?
सोरेन परिवार के बाहर जिन नामों पर चर्चा चल रही है उनमें हेमंत सरकार के दो मंत्रियों के नाम सबसे आगे बताए जा रहे हैं। इनमें परिवहन मंत्री चंपई सोरेन और महिला और बाल विकास मंत्री जोबा मांझी का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है। दोनों ही हेमंत सोरेन के सबसे खास लोगों में शामिल हैं। दोनों ने शिबू सोरेन के साथ लंबे समय तक काम किया है। अगर हेमंत सोरेन परिवार के बाहर के किसी सदस्य को चुनते हैं तो इन दोनों की दावेदारी सबसे ज्यादा मजबूत बताई जा रही है।


- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.