Universe TV
हर खबर पर पैनी नजर

उत्तराखंड में दलित को दी मंदिर में घुसने की सजा : रस्सी से बांधा, जलती हुई लकड़ी से रातभर पीटते रहे

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

देहरादून। आजादी के 75 साल बाद भी देश में छुआछूत जैसी कुप्रथा जारी है। कितनी शर्म की बात है कि आज हम मंगल ग्रह पर पहुंचने में लगे हुए है, लेकिन समाज में में छुआछूत जैसी कुप्रथा ख़त्म होने की नाम नहीं ले रही है
उत्तराखंड में एक दलित को मंदिर में जाने की सजा दी गई। ग्रामीणों ने दलित को रस्सी से बांधा और फिर जलती हुई लकड़ी से उसे रातभर पीटते रहे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मामला उत्तरकाशी जिले के सलरा गांव में 9 जनवरी का है। इसकी जानकारी अब सामने आई है।
पुलिस ने बताया कि 22 साल का आयुष मंदिर में पूजा करने के लिए गया था। वहां मौजूद उच्च जाति के लोग उसे देख कर नाराज हो गए। तभी लोगों ने उसे घेर लिया और मारपीट की। पीड़ित ने घटना की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद 10 जनवरी को पीड़ित को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उच्च केंद्र रेफर कर दिया गया।
पुलिस के अनुसरा, ये घटना 9 जनवरी की है जब बैनोल गांव निवासी 22 वर्षीय आयुष मंदिर गया था। पीड़ित ने पुलिस को शिकायत दी है।शिकायत के अनुसार, रात भर उच्च वर्ग के कुछ लोगों ने मंदिर में उसके साथ मारपीट की, उसे बांध दिया और जलती लकड़ियों से उसकी पिटाई की।
कोयले से दागा और नंगा कर पीटा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उच्च जाति के कुछ युवाओं पर आरोप लगा है कि उन्होंने अनुसूचित जाति के आयुष को मंदिर के अंदर करीब 16 घंटे तक बंधक बनाए रखा। आयुष को प्रताड़ित करने के लिए उसे लकड़ी के जलते कोयले से दागा गया और बीच-बचाव करने आए युवक के पिता के सामने ही उसके कपड़े फाड़ दिए व नंगा कर पीटा. युवक के शरीर पर गहरे घाव हुए हैं।
क्यों किया हमला
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आयुष को 10 जनवरी को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उसे बेहतर इलाज के लिए उच्चतर स्वास्थ्य केंद्र शिफ्ट कर दिया गया। पीड़ित आयुष ने अपनी शिकायत में कहा है कि हमलावर इसलिए नाराज थे कि दलित होने के बावजूद उसने मंदिर में प्रवेश किया।
आरोपी के खिलाफ केस दर्ज, जांच शुरू
इस पूरे मामले पर उत्तरकाशी के पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने बताया कि आयुष की शिकायत के आधार पर घटना के संबंध में पांच ग्रामीणों के खिलाफ अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। सर्किल ऑफिसर (ऑपरेशन) प्रशांत कुमार को मामले की जांच का जिम्मा सौंपा गया है।


- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.