पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन ने शानदार जीत हासिल की है। यह जीत न सिर्फ सत्ता वापसी का संकेत है, बल्कि यह एक ‘डबल इंजन’ सरकार के लिए बड़े-बड़े वादों को पूरा करने की चुनौती भी लेकर आई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जोड़ी यानी ‘जुगलबंदी’ अब राज्य को एक ‘सुपर इकोनॉमी’ बनाने का दावा कर रही है। एनडीए ने 202 सीटों पर बढ़त बनाकर साफ कर दिया कि जनता ने उन पर भरोसा जताया है। बीजेपी (89 सीटों पर जीत) और जेडीयू (85 सीटों पर जीत) की यह मजबूत साझेदारी अब उन बड़े वादों को जमीन पर उतारने की तैयारी में है, जो चुनाव प्रचार के दौरान जनता से किए गए थे।आम आदमी की निगाहें इन वादों पर टिकी हैं क्योंकि इन्हीं से सीधे तौर पर उनके जीवन में बदलाव आना है।
युवाओं की उम्मीदों का नया सवेरा
बिहार के युवाओं ने NDA को जो जनादेश दिया है, उसके पीछे सबसे बड़ी उम्मीद है रोजगार. गठबंधन ने अपने घोषणापत्र में एक करोड़ से अधिक नौकरी और रोजगार सृजित करने का वादा किया है। इसके अलावा, राज्य को ग्लोबल स्किलिंग सेंटर के रूप में स्थापित करने के लिए हर जिले में मेगा स्किल सेंटर बनाने की बात कही गई है। यह कदम बिहार के लोगों को देश-विदेश में रोजगार के लिए तैयार करेगा।
10 नए औद्योगिक पार्क बनाने का वादा
उद्योग और व्यापार के मोर्चे पर, सरकार ने हर जिले में अत्याधुनिक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और 10 नए औद्योगिक पार्क बनाने का वादा किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने तो यहां तक दावा किया है कि राज्य में 1 लाख 80 हजार करोड़ का बड़ा निवेश आने वाला है और 25 नई चीनी मिलें खोली जाएंगी। इन औद्योगिक पहलों के तहत कौशल जनगणना के बाद कौशल आधारित रोजगार देने का भी वादा किया गया है, जिसका मतलब है कि रोजगार सिर्फ उपलब्ध नहीं होंगे, बल्कि वे युवाओं की क्षमता के अनुरूप होंगे।
इंफ्रास्ट्रक्चर का होगा कायाकल्प
किसी भी इकोनॉमी को ‘सुपर’ बनाने के लिए मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर की जरूरत होती है। NDA सरकार ने इस क्षेत्र में कई बड़े और महत्वाकांक्षी वादे किए हैं।इनमें सात एक्सप्रेसवे का निर्माण, चार नए शहरों में मेट्रो की सुविधा, और 3600 किलोमीटर रेल ट्रैक का आधुनिकीकरण शामिल है। इसके साथ ही, हवाई कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए दस नए शहरों में घरेलू उड़ानें शुरू करने और पटना के पास एक ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाने का वादा किया गया है। पूर्णिया, भागलपुर और दरभंगा में भी इंटरनेशनल एयरपोर्ट विकसित करने की योजना है। सड़क निर्माण में अकेले 54 हजार करोड़ से अधिक का निवेश होने का अनुमान है।
बिहार को मिलेगा अडानी का साथ
गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अदाणी ग्रुप की कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड ने बिहार में एक फुली सब्सिडियरी कंपनी “मुंगेर सुल्तानगंज रोड लिमिटेड” बनाई है। यह कंपनी हाइब्रिड एन्युटी मोड पर ‘मुंगेर (सफियाबाद)-बरियारपुर-घोरघाट-सुल्तानगंज रोड को जोड़ने वाले गंगा पथ का निर्माण’ परियोजना का विकास, रखरखाव और प्रबंधन करेगी। यह सीधे तौर पर बताता है कि देश के बड़े कॉर्पोरेट घराने भी अब बिहार के विकास में दिलचस्पी ले रहे हैं, जो राज्य के लिए एक बड़ा सकारात्मक संकेत है।
गरीब, किसान और महिला सशक्तिकरण की ‘पंचामृत गारंटी’
सरकार ने गरीब और वंचित तबके के लिए “पंचामृत गारंटी” की घोषणा की है, जिसमें मुफ्त राशन, 125 यूनिट मुफ्त बिजली और 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज शामिल है। यह सीधे तौर पर आम लोगों के जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का पहल है। महिलाओं के सशक्तिकरण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना के अंतर्गत महिलाओं को दो लाख रुपये तक की सहायता राशि देने का वादा किया गया है। इसके अलावा, एक करोड़ महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा गया है।
किसानों के लिए भी कई महत्वपूर्ण वादे किए गए हैं. कर्पूरी ठाकुर किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को तीन हजार रुपये वार्षिक देने की घोषणा की गई है। सभी प्रमुख फसलों की पंचायत स्तर पर MSP पर खरीद सुनिश्चित करने, प्रखंड स्तर पर फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाने और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर में एक लाख करोड़ का निवेश करने का वादा किया गया है।
बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण (BIADA) भी लगातार नए निवेशकों को अवसर दे रहा है। मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में नमकीन निर्माण, मिनरल वाटर, बिस्किट, आटा, और अन्य घरेलू सामानों की 27 नई इंडस्ट्रियल यूनिट लगाने के लिए जमीन आवंटित की गई है, जिनमें लगभग 18 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है। इन सभी पहलों से यह साफ है कि मोदी-नीतीश की यह नई पारी सिर्फ सत्ता चलाने की नहीं, बल्कि बिहार की इकोनॉमी को एक नई रफ्तार देने की तैयारी है। अब देखना यह है कि ये वादे जमीन पर कितनी तेजी से उतरते हैं।