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ऑपरेशन सिंदूर में टुकड़े-टुकड़े हुआ आतंकी मसूद अजहर का परिवार, जैश कमांडर ने ही मंच से कबूला

इस्लामाबाद। भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक शीर्ष कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने पहली बार सार्वजनिक मंच से यह स्वीकार किया है कि इस ऑपरेशन. . .

इस्लामाबाद। भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक शीर्ष कमांडर मसूद इलियास कश्मीरी ने पहली बार सार्वजनिक मंच से यह स्वीकार किया है कि इस ऑपरेशन में मसूद अजहर का पूरा परिवार तबाह हो गया

मसूद इलियास का यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में सामने आया है। वीडियो में वह यह कहते सुना जा सकता है: “हमने अपनी सरहदों की हिफाजत के लिए दिल्ली, काबुल और कांधार में लड़ाई लड़ी। सबकुछ कुर्बान करने के बाद 7 मई को मौलाना मसूद अजहर के परिवार को बहावलपुर में भारतीय सेना ने टुकड़े-टुकड़े कर दिया।” यह स्वीकारोक्ति दर्शाती है कि भारत द्वारा किए गए जवाबी हमले ने आतंकी ढांचे को गहरी चोट पहुंचाई है।


क्या है ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए जघन्य आतंकी हमले के जवाब में भारत द्वारा शुरू किया गया सैन्य अभियान है, जिसमें 26 निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के नौ प्रमुख आतंकी ठिकानों पर निशाना साधा। पाकिस्तान सरकार ने भी यह स्वीकार किया कि हमले बहावलपुर, कोटली और मुरीदके जैसे आतंकवाद से प्रभावित क्षेत्रों में किए गए। बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद का मजबूत गढ़ माना जाता है और वहीं मसूद अजहर का परिवार भी रहता था।


मसूद अजहर का कबूलनामा

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के बाद मसूद अजहर ने खुद एक बयान में इस बात को स्वीकार किया कि भारतीय हमले में उसके परिवार के 10 सदस्य मारे गए। लाहौर से करीब 400 किलोमीटर दूर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय — जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह (उस्मान-ओ-अली परिसर) — को भी इस हमले में निशाना बनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी मसूद अजहर ने 2000 की शुरुआत में जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की थी। तब से यह संगठन भारत में कई घातक आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका है।