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कतर ने क्‍या पाकिस्‍तान के इशारे पर भारत के पूर्व नौसैनिकों को सुनाई सजा ? जानें क्‍यों उठे सवाल

दोहा। कतर की एक अदालत ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। ये सभी भारतीय दोहा की कंपनी दहरा ग्‍लोबल के लिए काम करते थे। इन सभी लोगों को अगस्‍त 2022. . .

दोहा। कतर की एक अदालत ने भारत के 8 पूर्व नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में मौत की सजा सुनाई है। ये सभी भारतीय दोहा की कंपनी दहरा ग्‍लोबल के लिए काम करते थे। इन सभी लोगों को अगस्‍त 2022 में हिरासत में ले लिया गया था। तब से ये सभी कतर की जेल में बंद थे और भारत के कई बार गुहार लगाने के बाद भारतीय दूतावास के अधिकारियों को मिलने दिया गया। भारत ने कतर की अदालत के फैसले पर हैरानी जताई है और कानूनी विकल्‍पों को अपनाने की बात कही है। इस पूरे विवाद में एक और देश है जिसकी चर्चा जोर शोर से हो रही है। यह देश पाकिस्‍तान है जिसके आर्मी चीफ ने हाल ही में कतर के आर्मी चीफ से मुलाकात की थी। आइए जानते हैं पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कतर इटली से एक रेडॉर की पकड़ में नहीं आने वाली छोटी पनडुब्‍बी ले रहा था। इसको कतर की नौसेना में शामिल किए जाने के लिए भारत के कई पूर्व नौसैनिकों की मदद ली। कतर का आरोप है कि इसमें से कई नौसैनिकों ने इजरायल के लिए जासूसी की और पनडुब्‍बी की जानकारी उसे भेज दी। हालांकि न तो कतर और न ही भारत ने इस आरोप के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ भी कहा है। रक्षा व‍िश्‍लेषकों का कहना है कि कतर की इस पनडुब्‍बी की तकनीक को पाकिस्‍तान भी ले सकता है जिसकी वजह से भारत इसके बारे में जानना चाहता था।
कतर के आर्मी चीफ से मिले पाक‍िस्‍तानी आर्मी चीफ
वहीं इजरायल और कतर की अदावत पुरानी है और हमास के हमले के बाद तो यह और भी बढ़ गई है। कतर और पाकिस्‍तान ने जहां खुलकर हमास का समर्थन किया है, वहीं भारत ने इजरायल पर हमले को ‘आतंकी घटना’ करार दिया है। हालांकि भारत ने फलस्‍तीन को भी बड़े पैमाने पर मदद भेजी है। कतर ने भारतीयों को सजा सुनाने का यह कदम ऐसे समय पर उठाया है जब हमास ने इजरायल पर हमला किया है और खाड़ी देशों में युद्ध के बादल नजर आ रहे हैं। इन सबके बीच एक तस्‍वीर की काफी चर्चा हो रही जिसमें कतर के आर्मी चीफ सालेम हमद और पाकिस्‍तान में सबसे शक्तिशाली सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर नजर आ रहे हैं।
बताया जा रहा है कि गत 12 अक्‍टूबर को इन दोनों देशों के सेना प्रमुखों की मुलाकात हुई थी। पाकिस्‍तानी सेना ने एक बयान जारी करके कहा था कि इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा और द्विपक्षीय रक्षा सहयोग पर चर्चा हुई। पाकिस्‍तान का कतर के साथ बहुत ही करीबी रक्षा संबंध है। पाकिस्‍तान ने हाल ही में कतर, तुर्की और अन्‍य दोस्‍त देशों के साथ दो सप्‍ताह तक सैन्‍य अभ्‍यास किया था ताकि इस रिश्‍ते को और मजबूत किया जा सके। दोनों सेना प्रमुखों ने रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और ज्‍यादा मजबूत करने पर सहमति जताई थी।
कतर में सजा, पाकिस्‍तान को मिला मौका
पाकिस्‍तान कुलभूषण जाधव का जिक्र करते हुए पहले से ही भारत पर जासूसी का आरोप लगाता रहा है। अब अपने दोस्‍त कतर के इस फैसले के बाद उसे भारत को घेरने का और ज्‍यादा मौका मिल गया है। यही वजह है कि जनरल मुनीर और कतर के सेना प्रमुख के बीच मुलाकात को भारतीय नौसैनिकों की सजा से जोड़कर देखा जा रहा है। पाकिस्‍तान के कई विश्‍लेषक भी भारत को घेरने में जुट गए हैं। कतर पर राफेल के सीक्रेट भी पाक‍िस्‍तान को देने के आरोप लग चुके हैं।