कोलकाता:
भारी बारिश के कारण कोलकाता में करंट लगने से हो रही मौतों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कम से कम 7 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि कुछ निजी सूत्रों के अनुसार यह संख्या 9 तक पहुंच गई है। इस गंभीर स्थिति के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने CESC (कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कॉरपोरेशन) को जिम्मेदार ठहराया है।
🗣️ मुख्यमंत्री का सीधा हमला – “CESC को लेनी होगी ज़िम्मेदारी”
ममता बनर्जी ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा, “CESC को कई बार कहा है, बोलते-बोलते मेरा मुंह दुख गया है। सॉन्जीव गोयनका से भी बात की है। यहां बिज़नेस कर रहे हैं, लेकिन मॉडर्नाइजेशन का काम राजस्थान में हो रहा है, कोलकाता में नहीं।” उन्होंने यह भी मांग की कि करंट लगने से जिनकी जान गई है, उनके परिजनों को CESC में नौकरी दी जाए। “CESC को नौकरी देनी होगी, नहीं तो सरकार कदम उठाएगी।”
⚡ बिजली गुल, शहर का बड़ा हिस्सा अंधेरे में
- कोलकाता के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति पूरी तरह बाधित है।
- CESC की लापरवाही को लेकर आम जनता में भी भारी नाराजगी देखी जा रही है।
📢 पुजार छुट्टी का ऐलान – मुख्यमंत्री की अपील
लगातार बारिश और बाढ़ जैसे हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने आज से ही दुर्गा पूजा की छुट्टी घोषित कर दी है।
- सरकारी स्कूल और कॉलेज आज से बंद।
- ममता बनर्जी ने ICSE और CBSE स्कूलों से भी 25 सितंबर तक छुट्टी रखने की अपील की।
- प्राइवेट कंपनियों से अनुरोध: आज किसी को ऑफिस न बुलाएं, सभी को वर्क फ्रॉम होम दें।
🚇 शहर ठप – ट्रेन, मेट्रो और बस सेवाएं प्रभावित
- शियालदह और हावड़ा स्टेशन पर ट्रेन सेवाएं लगभग बंद।
- मेट्रो सीमित सेवाओं में चल रही है।
- सड़कों पर पानी भरा हुआ, बसें भी कम संख्या में चल रही हैं।
🕙 जलजमाव कब हटेगा?
कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम ने भरोसा दिलाया है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का कहना है, “सारी नालियाँ और ड्रेनेज सिस्टम पहले ही पानी से भर चुकी हैं, पानी निकलेगा कहां से?”\
🌧️ प्राकृतिक आपदा या जलवायु परिवर्तन का असर?
फिरहाद हाकिम ने उत्तराखंड, हिमाचल और दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि यह सब जलवायु परिवर्तन का नतीजा है। मेयर और मुख्यमंत्री, दोनों ने लोगों को घर पर रहने की सलाह दी है।
✅ भयंकर जलजमाव
कोलकाता इस समय भयंकर जलजमाव और विद्युत संकट से जूझ रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का रुख स्पष्ट है — CESC को जवाब देना होगा। अब देखना यह होगा कि इस संकट की घड़ी में प्रशासन और निजी कंपनियाँ मिलकर जनता की सुरक्षा और सुविधा के लिए क्या कदम उठाते हैं।