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कौन है Asur 2 की वृंदा श्रीवास्तव, जिसने ‘असुर’ के खात्मे के बाद फिर बढ़ा दिया सस्पेंस

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डेस्क। Asur 2 Asur season 2: ‘देखकर हैरान रह जाएंगे…, पैरों तले से जमीन खिसक जाएगी…’, इस तरह के सेंटेंस आपने सुने तो जरूर होंगे, लेकिन अगर किसी वेब सीरीज पर ये सबके सब एकदम फिट बैठते हैं तो उस सीरीज का नाम है ‘असुर-2’। एक खास बात, जो असुर-2 को सबसे अलग बनाती है, वो है कि आप 9 एपिसोड की इस पूरी वेब सीरीज में कहीं भी कोई अंदाजा नहीं लगा सकते। सीरीज का हर एपिसोड और हर किरदार आपको चौंकाता है, आपको हिलने तक नहीं देता। सस्पेंस…सस्पेंस और आखिर तक बस सस्पेंस। ऐसा ही एक सस्पेंस तब उभरता है, जब सीरीज में असुर बने शुभ जोशी की दोस्त, वृंदा श्रीवास्तव आखिरी एपिसोड में गायब हो जाती है और एक सवाल छोड़ जाती है कि क्या असुर फिर से लौटेगा? कौन हैं ये वृंदा श्रीवास्तव और क्या है सीरीज में इनकी कहानी, आइए जानते हैं। पूरी कहानी समझने के लिए तो आपको ये वेब सीरीज ही देखनी होगी, लेकिन हम आपको बताते हैं कि असुर-2 में वृंदा श्रीवास्तव की कहानी क्या है? जेल से भागने के बाद शुभ जोशी हरिद्वार पहुंचता है और वहां शास्त्रार्थ में स्वामी विशुद्धानंद को हराकर उनके त्रिलोक धाम मठ का सदस्य बन जाता है। इस मठ में एक दिन जहरीला पानी पीने से स्वामी विशुद्धानंद सहित सभी सदस्यों की मौत हो जाती है।
शुभ जोशी ने वृंदा को जिंदा क्यों छोड़ा?
उधर, शुभ जोशी की हिस्ट्री खंगालते हुए धनंजय राजपूत यानी अरशद वारसी जब इस मठ में पहुंचता है तो उसे पता चलता है कि स्वामी विशुद्धानंद और मठ के 22 सदस्य जहरीला पानी पीने से मरे थे लेकिन शुभ जोशी बच गया था और इस घटना के बाद गायब हो गया था। मठ में ही धनंजय को एक और राज पता चलता है कि शुभ जोशी के साथ-साथ एक महिला और जिंदा बची थी, जिसका नाम है वृंदा श्रीवास्तव। और, वो वृंदा श्रीवास्तव इस समय दिल्ली के नवकार कला केंद्र में है।
नंजय राजपूत यहां से सीधे दिल्ली पहुंचता है और वृंदा श्रीवास्तव से मिलता है। यहां धनंजय को पता चलता है कि वृंदा श्रीवास्तव आखों से देख नहीं सकती, लेकिन सुंदर-सुंदर मूर्तियां बनाती है। वृंदा बताती है कि वो मठ में शुभ जोशी से मिली थी और उसके साथ बिताया हुआ वक्त उसे याद है। बातों से धनंजय राजपूत को इस बात का अंदाजा लग जाता है कि शुभ जोशी से वृंदा काफी हद तक प्रभावित है। लेकिन, धनंजय जब वृंदा को शुभ जोशी का सच बताता है तो वो तुरंत उसे वहां से जाने के लिए कहती है। वृंदा के पास शुभ जोशी की कुछ किताबें हैं, जिनमें से एक किताब को धनंजय जाते वक्त अपने साथ ले जाता है और इस किताब से उसे एक बड़ा सुराग मिलता है। धनंजय कुछ दिन बाद फिर वृंदा के पास लौटता है और इस बार वो शुभ जोशी के बार में उसे कुछ बताती है। यही नहीं, वृंदा उस वक्त धनंजय राजपूत को और चौंका देती है, जब वो बताती है कि शुभ जोशी ने ही उसे उसकी मदद करने के लिए कहा था।
क्या अब असुर के साम्राज्य को संभालेगी वृंदा ?
इसके बाद जब आखिरी एपिसोड में धनंजय राजपूत असुर बने शुभ जोशी को पकड़ लेता है और केस खत्म होने के बाद वृंदा श्रीवास्तव से मिलने जाता है तो उसे वहां वो नहीं मिलती। मिलती हैं तो कुछ पेंटिंग, जिनपर असुरों के चित्र बने हैं। यहीं से सस्पेंस गहराता है कि वृंदा श्रीवास्तव आखिर कहां गायब हो गई और क्या अब असुर के साम्राज्य को वो संभालेगी?
कौन हैं वृंदा श्रीवास्तव
असुर सीरीज के सीजन 2 में वृंदा श्रीवास्तव का किरदार निभाया है अभिनेत्री बरखा बिष्ट सेनगुप्ता ने। कई टीवी सीरियल सहित हिंदी और बंगाली फिल्मों में काम कर चुकीं बरखा ने अपने टेलीविजन करियर की शुरुआत सीरियल ‘कितनी मस्त है जिंदगी’ से की थी। इसके बाद वो फिल्म राजनीति में नजर आईं। बरखा की शादी जाने-माने अभिनेता इंद्रनील सेनगुप्ता से हुई है।


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