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खतरे में डॉलर, भारत ला रहा ब्रिक्स करेंसी, जानिए क्या है ब्रिक्स करेंसी

डेस्क। दुनिया में लगभग सभी को पता है कि अमेरिकी डॉलर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की करेंसी है। दुनिया के लगभग सभी देश अमेरिकी डॉलर पर आपना व्यापार करते आ रहे है, लेकिन अब अमेरिकी डॉलर के खतरे में आने की संभावनाएं. . .

डेस्क। दुनिया में लगभग सभी को पता है कि अमेरिकी डॉलर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की करेंसी है। दुनिया के लगभग सभी देश अमेरिकी डॉलर पर आपना व्यापार करते आ रहे है, लेकिन अब अमेरिकी डॉलर के खतरे में आने की संभावनाएं तेज हो गई है। अगर ऐसा होता है तो अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ सकता है।
दरअसल, भारत समेत ब्रिक्स देश मिलकर अपनी नई करेंसी लाने की योजना पर काम कर रहे है। यह करेंसी कार्ड के रूप में होगी। ब्रिक्स देशों में भारत, चीन, रूस, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देश शामिल है। अगर ऐसे में ब्रिक्स अपनी नई करेंसी को लॉन्च करता है तो इसका अमेरिका पर बुरा असर पड़ने की संभावना है
क्यों लाई जा रही ब्रिक्स करेंसी?
अमेरिकी डॉलर का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बीते कई दशाकों से एकाधिकार है। अमेरिकी डॉलर में तेजी आने के चलते दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था पर काफी बुरा असर पड़ा है। वही पिछले साल रूस और यूक्रेन के बीच हुई जंग में रूस की अर्थव्यवस्था को काफी असर पड़ा। युद्ध के चलते कई देशों ने रूस पर कई प्रकार के प्रतिबंध भी लगाए। जिसके चलते रूस के व्यापार को भी काफी नुकसार झेलना पड़ा। ऐसे में ब्रिक्स देशों में शामिल देशों ने अपनी नई करेंसी लाने की योजना बनाई है। ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि आखिर क्या है ब्रिक्स करेंसी और क्या इसे डॉलर को पछाड़ने के लिए लाई जा रही है?
डॉलर दुनिया की ऑफिशियल करेंसी
सबसे पहले आपको बता दें कि डॉलर दुनिया की सबसे बड़ी और ऑफिशियल करेंसी है। डॉलर को साल 1944 में दुनिया के करीब 44 देशों ने मिलकर ब्रेटन वुड्स एग्रीमेंट के तहत बनाया था और अमेरिका द्वारा बनाई गई डॉलर करेंसी को दुनियाभर के देशों को मानना पड़ा था। तब से लेकर आज तक डॉलर दुनिया में सबसे बड़ी करेंसी बनी हुई है।
कई देश डॉलर के खिलाफ!
डॉलर अमेरिका की करेंसी है, जिसे दुनियाभर के देश व्यापार करते है, लेकिन अमेरिका की एकतरफा नितियों का असर दुनिया के कई देशों पर पड़ता हैं। चीन, रूस समेत कई देश अमेरिकी डॉलर का विरोध करते आए है और नई करेंसी लाने पर विचार कर रहे है। एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में डॉलर का एक्सचेंज कई फीसदी तक गिरा है और अगर ऐसे में ब्रिक्स करेंसी आती है तो डॉलर और तेजी से नीचे आ सकता है। जो कि कई देश चाहते है। और अगर ऐसा होता है तो डॉलर की बादशाहत को खतरे में आ जाएगी, वही अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा।
कैसे होगी ब्रिक्स करेंसी?
इंटरनेट पर मौजूदा डाटा और कई रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिक्स करेंसी कार्ड के रूप में होगी। ब्रिक्स करेंसी ब्रिक्स देशों में शामिल देशों में ही लागू होगी। ब्रिक्स करेंसी से उस देश को उसकी अपनी ही करेंसी में भुगतान होगा। यानी ब्रिक्स देश अपना भुगतान डॉलर की जगह अपनी करंसी में करेगा। माना जा रहा है कि इसी साल होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में ब्रिक्स करेंसी को लॉन्च किया जा सकता है। आपको बता दें कि ब्रिक्स शिखर सम्मेलन इसी साल अगस्त माह में दक्षिण अफ्रीका में होना है।

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