डेस्क। हिन्दू धर्म में सालभर में कई उत्सव आते हैं. उन्हीं उत्सव में से एक धनतेरस का त्योहार दिवाली के पांच दिवसीय उत्सव की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है. इसे धनत्रयोदशी भी कहा जाता है. यह पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इसी दिन से घर-परिवार में सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का आगमन होता है.
सोना और चांदी खरीदना शुभ
धनतेरस पर विशेष रूप से सोना और चांदी खरीदना शुभ मानते हैं, लेकिन अगर आप सोना-चांदी नहीं खरीद पा रहे हैं, तो घबराएं नहीं. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज के अनुसार, कुछ अन्य वस्तुएं भी हैं, जिन्हें धनतेरस के दिन खरीदना बहुत मंगलकारी होता है और यह आपके घर में सुख-समृद्धि लाती हैं.
त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 18 अक्टूबर को
वैदिक पंचांग के अनुसार धनतेरस त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. इस बार त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 18 अक्टूबर, शनिवार को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर होगी और इसका समापन 19 अक्टूबर, रविवार को दोपहर 1 बजकर 51 मिनट पर होगा. हिंदू धर्म में उदयातिथि को विशेष महत्व दिया जाता है, यानी वह तिथि जो सूर्योदय के समय मौजूद हो. इसलिए, धनतेरस का पर्व शनिवार, 18 अक्टूबर 2025 को ही मनाया जाएगा.
धनतेरस पर झाड़ू की खरीदी
झाडू – धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. मान्यता है कि नया झाड़ू घर से दरिद्रता को दूर करता है और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है. इस झाड़ू को घर लाकर उसका उपयोग करने से पहले उसकी पूजा अवश्य करें.
शरीर को करता है डिटॉक्स
धनिया – धनतेरस पर धनिया खरीदना और उसे मां लक्ष्मी को अर्पित करना शुभ माना जाता है. धनिया को धन का प्रतीक भी कहा जाता है. पूजा के बाद इन बीजों को अपनी तिजोरी या धन के स्थान पर रखने से बरकत आती है.
धनतेरस पर झाड़ू की खरीदी
गोमती चक्र – इस चीज को बहुत पवित्र और चमत्कारी माना जाता है. धनतेरस के दिन 11 गोमती चक्र खरीदकर उन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रखने से धन की कमी दूर होती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है.
पीली कौड़ियां चढ़ाने के फायदे, पीली कौड़ियां चढ़ाने की विधि
कौड़ी – पीली कौड़ी को मां लक्ष्मी से जुड़ा माना जाता है. धनतेरस के दिन कौड़ी खरीदकर लाएं और उन्हें हल्दी में रंग कर (अगर पहले से रंगी हुई न हो तो) दिवाली की रात पूजा करने के बाद अपनी तिजोरी में रखें. इससे घर में धन का प्रवाह बना रहता है.