मुंबई। भारतीय सिनेमा की सबसे दिग्गज और खूबसूरत एक्ट्रेस मानी जाने वाली अभिनेत्री कामिनी कौशल का 98 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही थीं। बीते दिनों कई सितारों ने फिल्म इंडस्ट्री और दुनिया को अलविदा कह दिया। असरानी से लेकर सतीश शाह की मौत तक पर सन्नाटा पसर गया। अभी जख्म भरे भी नहीं थे कि एक और पहाड़ टूट पड़ा और कामिनी हमें छोड़कर चली गईं। परिवार ने फैंस और लोगों ने निजता का खयाल रखने की अपील की है। परिवार के एक करीबी सूत्र के हवाले से बताया गया, ‘ कामिनी कौशल का परिवार बेहद लो-प्रोफाइल है और उन्हें प्राइवेसी की जरूरत है।’
कामिनी कौशल भारतीय सिनेमा की सबसे फेमस हस्तियों में से एक थीं। उन्होंने अपने शानदार करियर में कथित तौर पर 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपना सफर ‘नीचा नगर’ से शुरू किया, जिसने 1946 में कान फिल्म फेस्टिवल में पाल्मे डी’ओर (गोल्डन पाम) जीता। बाद में उन्होंने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘शहीद’, ‘नदिया के पार’, ‘शबनम’, ‘आरज़ू’ और ‘बिराज बहू’ शामिल हैं। ‘दो भाई’, ‘जिद्दी’, ‘पारस’, ‘नमूना’, ‘झांझर’, ‘आबरू’, ‘बड़े सरकार’, ‘जेलर’, ‘नाइट क्लब’ और ‘गोदान’ उनकी सबसे चर्चित फिल्में में से हैं।
कामिनी कौशल कौन थीं?
24 फरवरी 1927 को लाहौर में उमा कश्यप के रूप में जन्मीं कामिनी कौशल ने 1946 से 1963 तक फिल्मों में लीड रोल्स किए और अशोक कुमार, राज कपूर, देव आनंद, राज कुमार और दिलीप कुमार जैसे दिग्गज स्टार्स के साथ काम किया। कामिनी कौशल 1940 के दशक और उसके बाद 60 के दशक तक, बॉलीवुड की सबसे महंगी एक्ट्रेस रही हैं। साल 1956 में उन्हें ‘बिराज बहू’ के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला। जबकि 2015 में फिल्मफेयर ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया।
कामिनी कौशल का परिवार
कामिनी कौशल की शादी ब्रह्म एस. सूद से हुई थी, जो बॉम्बे पोर्ट ट्रस्ट में चीफ इंजीनियर थे। लंबे अंतराल के बाद, कामिनी कौशल ने शाहरुख खान की फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में उनकी दादी के रोल में अभिनय में वापसी की थी। वह पिछली बार आमिर खान की फिल्म ‘लाल सिंह चड्ढा’ (कैमियो) में दिखाई दी थीं और ‘कबीर सिंह’ में शाहिद कपूर की दादी बनी थीं।
अपने ही जीजा जी से हुई थी शादी
कामिनी कौशल, दो भाइयों और तीन बहनों में सबसे छोटी थीं। वह प्रोफेसर शिव राम कश्यप की बेटी थीं, जिन्हें बॉटनी का जनक माना जाता है। वो पंजाब विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। दरअसल, कामिनी की बड़ी बहन की कार दुर्घटना में मौत हो चुकी थी, इसलिए परिवार ने उनकी शादी उनके जीजा से ही करा दी जिससे उनके बच्चों को मां का प्यार मिल सके। वो अपने पीछे दो बेटियां छोड़कर चली गई थीं। कामिनी ने उनकी जिम्मेदारी ली।