नई दिल्ली: सनातन धर्म में नवरात्रि धूमधाम से मनाई जाती है. भक्त नवरात्रि पर मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा अराधना कर मां से अपनी मन चाही इच्छा पूर्ति की कामना करते हैं. नवरात्रि (Navratri 2025) इस साल 22 सितंबर से शुरू हो रहा है और ये इस वर्ष यह पर्व और ज्यादा खास है, क्योंकि इस बार भक्तों को 10 दिन तक माता रानी की आराधना करने का अवसर प्राप्त हो रहा है. वैसे तो नवरात्रि का पर्व हर प्रकार से शुभ होता है. लेकिन इस बार की शारदीय नवरात्रि बहुत ही पावन, पवित्र और लाभकारी मानी जा रही है. श्री सनातन धर्म सात मंजिला मंदिर के पुजारी और ज्योतिष पंडित सुनील शास्त्री ने बताया कि इस बार 10 दिन की नवरात्रि पड़ रही है. वहीं इस पर्व का पारण 11 दिन होगा. अर्थात आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि दिन सोमवार यानि 22 सितंबर को पहला नवरात्र पड़ रहा है. वहीं, इस समापन यानि पारण विजयादशमी के दिन 2 अक्टूबर को होगा.
मोक्षदायिनी शारदीय नवरात्रि महोत्सव
शास्त्री बताते हैं कि नवरात्रि महोत्सव में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों का पूजन किया जाता है. वहीं इस बार 10 दिन के इस उत्सव में बहुत कुछ महत्वपूर्ण है. अगर गणित और संख्या के आधार पर बात करें तो 10 के बाद फिर शून्य आता है. अर्थात इस वर्ष नवरात्रि एक से शुरू हुई और एक में ही सम्मलित हो जाएगी. सामान्य शब्दों में परमात्मा से निकली और उन्होंने में सम्मलित हो गई. यानि इस वर्ष जीवात्मा को परमात्मा से मिला देने वाला यह मोक्षदायिनी शारदीय नवरात्रि महोत्सव है.
किस दिन में हुई है बढ़ोतरी
पंडित सुनील ने बताया कि इस वर्ष नवरात्रि का तीसरा दिन बढ़ा हुआ है. इसलिए यह पर्व 10 दिन का पड़ रहा है. नवरात्रि के तीसरे दिन मां सरस्वती, मां चंद्रघंटा का पूजन किया जाता है. अर्थात यह नवरात्रि विद्यार्थी वर्ग के लिए अत्यंत लाभकारी साबित होगा. साथ ही इस वर्ष उनके अंदर विद्या और बुद्धि का विकास होगा. इस वर्ष नवरात्रि की पारणा विजयादशमी के दिन है.
सनातन धर्म में यह दिन अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है. मान्यता है कि इस दिन जो भी भक्त माता रानी का पूजन और उपवास करेंगे, उनको धन, दौलत, सुख, और स्वस्थ जीवन तो मिलेगा ही, इसके अलावा उनको मोक्ष की भी प्राप्ति होगी.
10 दिन तक होगी मां की विशेष अराधना
22 सितंबर, पहला दिन – मां शैलपुत्री
23 सितंबर, दूसरा दिन – मां ब्रह्मचारिणी
24 सितंबर, तीसरे दिन – मां चंद्रघंटा
25 सितंबर, तीसरे दिन – मां चंद्रघंटा
26 सितंबर, चौथा दिन – मां कूष्माण्डा
27 सितंबर, पांचवां दिन – मां स्कंदमाता
28 सितंबर, छठा दिन – मां कात्यायनी
29 सितंबर, सातवां दिन – मां कालरात्रि
30 सितंबर आठवा दिन – मां महागौरी/ सिद्धिदात्री
01 अक्टूबर नौवां दिन – मां सिद्धिदात्री
नवरात्रि में क्यों बढ़ते हैं दिन ?
शास्त्री बताते हैं कि अधिकतम 3 वर्ष में यह अवसर आता है. जब भी पुरुषोत्तम वर्ष आने वाला होता है उससे एक वर्ष पहले शारदीय या चैत्र नवरात्रि का एक दिन बढ़ जाता है. अब साल पुरुषोत्तम वर्ष है इसलिए इस बार एक दिन बढ़ गया है.