नई दिल्ली/लाहौर – पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की एशिया कप 2025 से हटने की धमकी क्रिकेट के गलियारों में हलचल मचा रही है। यह विवाद आईसीसी रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट से जुड़ी असहमति के बाद शुरू हुआ है, जिसमें PCB अध्यक्ष और एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के मौजूदा प्रमुख मोहसिन नकवी ने रेफरी को हटाने की मांग की थी। लेकिन ICC द्वारा मांग ठुकराए जाने के बाद, पाकिस्तान ने टूर्नामेंट से बाहर निकलने की चेतावनी दे डाली है।
हालांकि, ये धमकी पाकिस्तान के लिए केवल खेल जगत में नहीं, बल्कि आर्थिक, राजनीतिक और संस्थागत स्तर पर भी बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
💰 1. सीधे आर्थिक नुकसान: 141 करोड़ रुपये तक की चपत
यदि पाकिस्तान एशिया कप से हटता है, तो उसे 12 से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर (करीब ₹105 से ₹141 करोड़) तक का नुकसान झेलना पड़ सकता है।
- ACC की कमाई का 15% हिस्सा PCB को मिलता है, जो भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के साथ साझा किया जाता है।
- सिर्फ इस टूर्नामेंट से PCB की अनुमानित कमाई 1.2 से 1.6 करोड़ डॉलर के बीच बताई जा रही है।
- PCB का कुल वार्षिक बजट करीब 227 मिलियन डॉलर है, और यह नुकसान उसके बजट का 7% हो सकता है — जो पहले से ही आर्थिक संकट झेल रहे बोर्ड के लिए एक बड़ा झटका साबित होगा।
📺 2. प्रसारणकर्ता का भरोसा टूटने का खतरा
Sony Pictures Networks India (SPNI) ने 2024 से 2031 के बीच ACC से करीब 170 मिलियन डॉलर की मीडिया डील साइन की है, जिसमें महिला और अंडर-19 एशिया कप भी शामिल हैं।
लेकिन इस डील का असली हीरा है: भारत-पाकिस्तान मैच।
- अगर पाकिस्तान टूर्नामेंट से हटता है, तो भारत-पाक मैच रद्द हो जाएंगे।
- इससे प्रसारणकर्ता का भरोसा डगमगा सकता है, क्योंकि भारत-पाक मुकाबले ही विज्ञापन और ब्रॉडकास्टिंग की कमाई का मुख्य स्रोत होते हैं।
- इसके चलते PCB को भविष्य में मीडिया डील्स में नुकसान और ब्रॉडकास्टर्स की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
🧩 3. ACC में अलग-थलग पड़ने का खतरा
अगर पाकिस्तान टूर्नामेंट से बाहर होता है, तो बाकी सदस्य देश (भारत, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान) यह सवाल उठा सकते हैं कि एक गैर-प्रतिभागी बोर्ड को 15% राजस्व क्यों दिया जाए?
- इससे PCB की विश्वसनीयता पर सीधा असर पड़ेगा।
- मोहसिन नकवी की ACC अध्यक्ष के रूप में स्थिति भी कमजोर हो सकती है, क्योंकि वे एक साथ बोर्ड और परिषद के मुखिया हैं।
- यह स्थिति ACC में पाकिस्तान की कूटनीतिक पकड़ को कमजोर कर सकती है।
🧠 क्या यह क्रिकेटीय निर्णय है या राजनीतिक रणनीति?
सूत्रों के अनुसार, मोहसिन नकवी का यह निर्णय क्रिकेट से ज्यादा राजनीति से प्रेरित है।
- पाकिस्तान में घरेलू दबाव और “कड़ाई दिखाने” की राजनीति के चलते नकवी इस तरह की आक्रामक रणनीति अपना रहे हैं।
- लेकिन सवाल यह है: क्या एक नेता की छवि बचाने के लिए पूरी क्रिकेट व्यवस्था को अरबों का घाटा झेलना चाहिए?
नुकसान ज्यादा, फायदा शून्य
- PCB का ACC से बाहर निकलना आर्थिक, व्यावसायिक और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उसे कमजोर बनाएगा।
- यह धमकी फिलहाल आत्मघाती दांव की तरह दिख रही है, जिसमें खोने के लिए बहुत कुछ और पाने के लिए लगभग कुछ भी नहीं है।
- मोहसिन नकवी और PCB के लिए यह वक्त है कि वे भावनाओं से नहीं, रणनीति और तर्क से निर्णय लें।