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पार्थ और अर्पिता को जान का खतरा ! कोर्ट में नहीं होंगे हाजिर, होगी वर्चुअल सुनवाई

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में गिरफ्तार किये गये पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को जान का खतरा है। इसके मद्देनजर पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश नहीं होने और सुरक्षा कारणों से जेल अधिकारियों ने वर्चुअल माध्यम से उपस्थिति का कोर्ट से आवेदन किया गया था। आवेदन पीएमएलए कोर्ट में की गई थी। कोर्ट ने याचिका भी मंजूर कर ली थी। बता दें कि पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी फिलहाल प्रेसिडेंसी जेल में और अर्पिता मुखर्जी अलीपुर केंद्रीय महिला सेंट्रल जेल में हैं। कोर्ट ने 31 अगस्त तक जेल हिरासत का आदेश दिया है। 31 अगस्त को उनकी कोर्ट में पेशी है।
शिक्षक भर्ती मामले में पकड़े गए पार्थ चटर्जी की वर्चुअल सुनवाई के लिए प्रेसीडेंसी सुधार संस्थान ने विशेष अदालत में आवेदन किया था। लिखित आवेदन में कहा गया है कि यह कार्रवाई राज्य के पूर्व मंत्री की सुरक्षा चिंताओं के कारण की गई है। सोमवार को प्रेसीडेंसी जेल के अधीक्षक द्वारा पत्र लिखा गया था।
31 अगस्त को जेल से ही होगी वर्चुअल सुनवाई
31 अगस्त पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी की 14 दिन की जेल की अवधि समाप्त हो रही है. इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश होना था। अलीपुर महिला केंद्रीय महिला जेल और प्रेसीडेंसी जेल अधिकारियों द्वारा विशेष आवेदन किया गया था। इसमें कहा गया था कि सुरक्षा कारणों से पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को वर्चुअली कोर्ट में पेश किया जाए। पार्थ चटर्जी को जेल से पीएमएलए कोर्ट ले जाते समय जूते फेंके गये थे।आवेदन मुख्य रूप से सुरक्षा कारणों से किया गया है। कोर्ट के आदेश के बाद अब 31 अगस्त को दोनों के मामलों की वर्चुअली सुनवाई होगी।दूसरी ओर, राजनीतिक जानकारों का कहना है कि चूंकि पार्थ चटर्जी सुनवाई के दौरान बयान दे रहे हैं। उनकी बयान से तृणमूल कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसलिए उन्हें कोर्ट में पेश होने से रोके जाने के लिए यह आवेदन जेल प्रबंधन की ओर से किया गया है।
अर्पिता के फ्लैट से मिले थे करोड़ों रुपये के नोट
बता दें कि अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से करोडों की संपत्ति मिली थी। पार्थ और अर्पिता की संपत्ति दक्षिण भारत के बैंगलोर में मिली है। ईडी का दावा है कि पार्थ के पूर्व कार्यस्थल के एक सेवानिवृत्त वित्त अधिकारी ने संपत्ति की खरीद में मदद की थी। ईडी का दावा है कि सूत्रों के मुताबिक 2015 से 2019 के बीच 6 फ्लैट, 30 एकड़ जमीन, फार्महाउस और बंगले खरीदे गए थे। इस मामले की ईडी जांच कर रही है।


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