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फिल्म 3 Idiots के ‘फुंसुक वांगडु’ ने पीएम मोदी से की अपील, बोले- “लद्दाख की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए”

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लद्दाख। लद्दाख के समाज सुधारक सोनम वांगचुक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लद्दाख की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। दरअसल, एक अध्ययन के मुताबिक इस केन्द्र शासित प्रदेश का दो तिहाई ग्लेशियर विलुप्त होने वाला है। आपको बता दें, बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट्स समाज सुधारक सोनम वांगचुक से ही प्रेरित होकर बनाई गई है।
सोनम वांगचुक ने जोर देकर कहा है कि लद्दाख को उद्योगों से सुरक्षा प्रदान करने में परहेज किया गया और ऐसी लापरवाही जारी रही तो यहां के ग्लेशियर विलुप्त हो जाएंगे। इससे भारत समेत इसके पड़ोसी देशों में भी पानी की भारी कमी हो जाएगी।
तेजी से पिघल रहे राजमार्ग से घिरे ग्लेशियर
वांगचुक ने कहा, “अगर कोई रास्ता नहीं निकाला गया तो लद्दाख में उद्योग, पर्यटन और वाणिज्य बढ़ते जाएंगे और ये केन्द्र शासित प्रदेश पूरी तरह से समाप्त हो जाएगा। कश्मीर विश्वविद्यालय और अन्य शोध संगठनों के हालिया अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला है कि लेह-लद्दाख में लापरवाही बरती गई तो यहां के लगभग 2/3 ग्लेशियर समाप्त हो जाएंगे। तीसरा अगर उनकी ठीक से देखभाल नहीं की जाती है। साथ ही कश्मीर विश्वविद्यालय के एक अध्ययन में पाया गया है कि राजमार्गों और मानवीय गतिविधियों से घिरे ग्लेशियर ज्यादा तेजी से पिघल रहे हैं।”
बच्चों और स्थानीय लोगों को दी सलाह
उन्होंने कहा, ” सिर्फ अमेरिका और यूरोप ही ग्लोबल वार्मिंग के कारण होने वाले जलवायु परिवर्तन के लिए जिम्मेदार नहीं है बल्कि स्थानीय प्रदूषण भी समान रूप से जिम्मेदार है। उन्होंने आग्रह करते हुए कहा, “यह पीएम मोदी से मेरी अपील है कि लद्दाख और अन्य हिमालयी क्षेत्रों को इस औद्योगिक शोषण से सुरक्षा प्रदान करें क्योंकि यह लोगों के जीवन और नौकरियों को प्रभावित करेगा। हालांकि, मेरा मानना ​​है कि सरकार के अलावा, लोगों को भी समान रूप से जलवायु परिवर्तन के बारे में चिंतित होना चाहिए और इसे कम करने के उपायों पर ध्यान देना चाहिए।” उन्होंने बच्चों से भी अपील की कि वे भोजन और कपड़े बर्बाद न करें क्योंकि यह पर्यावरण को तकनीकी रूप से नुकसान पहुंचाता है।
खारदुंगला दर्रा पर करेंगे अनशन
उन्होंने एक ट्वीट शेयर करते हुए कहा, “लद्दाख में सब कुछ ठीक नहीं है! अपने नवीनतम वीडियो में मैंने @narendramodi जी से अपील की है कि वे यहां ध्यान दें और लद्दाख को सुरक्षा प्रदान करें। सरकार और दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए मैं 26 जनवरी से 5 दिन के लिए #ClimateFast पर बैठने की योजना बना रहा हूं जो कि खारदुंगला दर्रा 18000 फीट -40 डिग्री सेल्सियस पर है।”
लद्दाख में बच्चों के लिए शुरू किया स्कूल
आपको बता दें, समाज सुधारक सुमन वांगचुक का जन्म1966 में हुआ है। यह एक मैकेनिकल इंजीनियर और हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (एचआईएएल) के निदेशक हैं। साल 2018 में इन्हें मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन्हें ‘द स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ (SECMOL) स्कूल की स्थापना के लिए जाने जाते हैं। यह स्कूल सौर ऊर्जा के जरिए खाना बनाने, लाइट के प्रयोग करने और हीटिंग का काम करता है। इस स्कूल में किसी भी तरह का जीवाश्म ईंधन इस्तेमाल नहीं किया जाता है। 1998 में इन्होंने स्कूल की स्थापना उन बच्चों के लिए की थी जिन्हें सिस्टम ने असफल या फेलर करार दिया था। 1994 में वांगचुक ने सरकारी स्कूल प्रणाली में सुधार लाने के लिए ऑपरेशन ‘न्यू होप’ लॉन्च किया था।


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