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बंगाल में बम बना खिलौना : आये दिन बच्चे बन रहे है शिकार, बॉल समझकर खेलते समय दालखोला में तीन बच्चे घायल

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उत्तर दिनाजपुर। ऐसा लग रहा है कि बंगाल में बम एक खिलौना बन गया है, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि आये दिन बच्चे बम से खेलते हुए इसका शिकार बन रहे है।
उत्तर दिनाजपुर जिले के दालखोला थाने के बेलबाड़ी इलाके में एक बार फिर से बम को गेंद समझकर खेलते समय तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये। इलाकावासियों ने तुरंत राहत कार्य करते हुए घायल बच्चों को इलाज के लिए करनदिघी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये। घायलों की हालत बिगड़ी तो उन्हें रायगंज मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर कर दिया गया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बांस की झाड़ियों में कुछ गोले पड़े हुए थे, बच्चे उन्हें गेंद समझकर खेलने गये तो एक बम फट गया। इस घटना में रवि ऋषि (12), बिकास ऋषि (8) व शोनू ऋषि (7) नाम के तीन बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इन सभी को करनदिघी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों द्वारा रायगंज मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल रेफर कर दिया गया। .इस्लामपुर जिला पुलिस अधीक्षक बिशप सरकार ने बताया कि प्राथमिक जांच में घायलों को अस्पताल ले जाया गया है, अभी तक बम का कुछ भी सुराग देखने को नहीं मिला है।
आपको बता कि बंगाल में बम समझकर गेंद समझकर खेलने की पहली घट्ना नहीं है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसी घटनाये लगातार सामने आ रहीं है। इसी साल नए साल के प्रथम दिन ही कूचबिहार जिले में बम फटने से 9 वर्षीय बच्चा घायल हो गया था। परिवार के अनुसार बॉल जैसी वस्तु देखकर वह खेलने लगा और अचानक से फट जाने से वह घायल हो गया।
पिछले साल नवम्बर महीने में भी मालदा जिले में बम को गेंद समझकर खेलने के दौरान विस्फोट हो गया था और इस विस्फोट में दो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये थे। यह घटना मालदा के मानिकचक के गोपालपुर के बालूटोला गांव में घटी थी। इस घटना में अमीरुल इस्लाम और अब्दुल मोमिन घायल हुए थे है। मालदा में इस प्रकार की घटना आम बात है, क्योंकि यहाँ आये दिन बम मिलते ही रहते है।
इससे पहले अक्टूबर महीने में उत्तर 24 परगना के भाटपाड़ा के गेंद समझकर बम से खेलने के दौरान जोरदार धमाका हुआ था इस धमाके में एक बच्चे की मौत हो गई थी जबकि तीन गंभीर रूप से घायल हो गये थे। 7 वर्षीय मृत बच्चे का नाम निखिल पासवान था। ये तो एक दो उदाहरण है, बंगाल में बम और हथियार मिलना आम बात हो गई है। जिस प्रकार से बंगाल में बम मिल रहे है, उससे समझना मुश्किल नहीं है आने वाले समय में बंगाल की क्या स्थित हो सकती है ।
ऐसे भी पश्चिम बंगाल लंबे समय से उग्रवाद, सामाजिक उथल-पुथल, बड़े पैमाने पर पलायन और राजनीतिक नियंत्रण के लिए हिंसक भीड़ के इस्तेमाल जैसी घटनाओं के लिए बदनाम रहा है। इस प्रदेश में राजनीतिक हिंसा का लंबा इतिहास रहा है, जिसको सत्ता में आने के बाद तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी बदलने की दवा करती है, लेकिन पंचायत चुनाव के पहले जिस प्रकार से बंगाल में बम और हथियार मिल रहे है, उससे समझना मुश्किल नहीं है आने वाले समय में क्या होने जा रहा है


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