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बुरे फंसे सोनम वांगचुक : अब CBI करेगी उनके संस्थान की जांच, विदेश से फंड जुटाने का लगा आरोप

लद्दाख। लद्दाख में विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने जाने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया है और कारगिल में धारा 163 लागू कर दी गई है. ताजा जानकारी के अनुसार, हिंसा प्रभावित. . .

लद्दाख। लद्दाख में विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने जाने के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं. लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया है और कारगिल में धारा 163 लागू कर दी गई है. ताजा जानकारी के अनुसार, हिंसा प्रभावित लेह में गुरुवार को पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा कर्फ्यू का सख्ती से पालन किए जाने के दौरान कम से कम 50 लोगों को हिरासत में लिया गया. बता दें, लेह में एक दिन पहले हुई व्यापक झड़पों में अबतक 4 लोगों की मौत हो गई है और 80 से ज्यादा लोग घायल हो गए है. बता दें, लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और छठी अनुसूची के विस्तार की मांग के लिए बुधवार को हिंसा, आगजनी और सड़कों पर झड़प हो गई थी.

CBI कर रही वांगचुक के संस्थान की जांच

इस बीच, लेह के उपराज्यपाल कविंदर गुप्ता ने कहा कि लद्दाख में उभरती स्थिति का आकलन करने के लिए एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें पूरे केंद्र शासित प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कड़ी सतर्कता, निर्बाध अंतर-एजेंसी समन्वय और सक्रिय उपायों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया गया. इस बीच प्राप्त ताजा जानकारी के अनुसार, सीबीआई कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की संस्था द्वारा एफसीआरए उल्लंघन की जांच कर रही है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने लद्दाख स्थित शिक्षाविद् और कार्यकर्ता सोनम वांगचुक द्वारा स्थापित एक संस्था के खिलाफ विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है. अधिकारियों ने बताया कि कुछ समय से जांच चल रही है, लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.
बता दें कि इससे पहले जम्मू कश्मीर के पूर्व DGP ने कहा था कि जिस तरह से कांग्रेस ने पथराव का समर्थन किया और जिस तरह से वे बंद का आह्वान कर रहे हैं, मुझे नहीं लगता कि वे इसमें कोई सकारात्मक भूमिका निभा रहे हैं. वे इस तरह की स्थिति का फायदा उठाना चाहते हैं. इसलिए, इससे सख्ती से निपटा जाना चाहिए. इसे इस स्थिति का राजनीतिक फायदा उठाने के साधन के रूप में देखना गलत है. युवाओं को गुमराह किया गया है. उन्हें लगता है कि वे किसी नेक काम के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन उनका शोषण किया जा रहा है.