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बेंगलुरु सेंट्रल में मतदाता सूची में कथित हेराफेरी की एसआईटी जांच की याचिका खारिज : सुप्रीम कोर्ट ने कहा-याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बेंगलुरु सेंट्रल और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों की जांच के लिए एक पूर्व जज की अध्यक्षता में एसआईटी जांच कराए जाने की मांग वाली याचिका पर विचार. . .

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को बेंगलुरु सेंट्रल और अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची में हेराफेरी के आरोपों की जांच के लिए एक पूर्व जज की अध्यक्षता में एसआईटी जांच कराए जाने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह अपनी याचिका निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत करें।

याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं

बेंच ने आदेश दिया कि हमने याचिकाकर्ता के वकील का पक्ष सुना है। हम इस याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं, जो कथित तौर पर जनहित में दायर की गई है। याचिकाकर्ता निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी याचिका प्रस्तुत कर सकते हैं। याचिकाकर्ता के वकील रोहित पांडे ने कहा कि उन्होंने आयोग के समक्ष अपना अभ्यावेदन पहले ही प्रस्तुत कर दिया है, लेकिन इसे स्वीकार नहीं किया गया है।

इसे ‘वोट चोरी’ करार दिया था

याचिकाकर्ता ने आयोग द्वारा याचिका पर निर्णय लेने के लिए एक समय सीमा निर्धारित करने की मांग की, जिसे बेंच ने अस्वीकार कर दिया। याचिका में कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा आयोजित एक प्रेस वार्ता का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने भाजपा और निर्वाचन आयोग के बीच मिलीभगत से चुनावों में ‘बड़े पैमाने पर आपराधिक धोखाधड़ी’ होने का दावा किया था और इसे ‘वोट चोरी’ करार दिया था।

मतदाता सूचियों के विश्लेषण का दिया गया था हवाला

कर्नाटक के एक निर्वाचन क्षेत्र में मतदाता सूचियों के विश्लेषण का हवाला दिया गया था। याचिका में न्यायलय से यह निर्देश देने की भी मांग की गई थी कि अदालत के निर्देशों का पालन होने और मतदाता सूचियों का स्वतंत्र ऑडिट पूरा होने तक मतदाता सूचियों में कोई और संशोधन या अंतिम रूप देने का काम न किया जाए।