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 बोर्ड के पेपर में आजाद कश्मीर के सवाल पर बवाल, छिड़ी सियासी तकरार, मालदा के स्कूल में पीओके को ‘आजाद काश्मीर’ दिखाने को कहा गया

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में बोर्ड परीक्षा के लिए जारी मॉडल प्रश्न पत्र में शामिल एक प्रश्न को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। यह सवाल कोई आम सवाल नहीं था। सवाल में देश के अभिन्न अंग कश्मीर को आजाद कश्मीर कह कर संबोधित किया गया है। इसे लेकर राज्य की राजनीति गरमा गई है। राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इसे लेकर राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर अलगाववादी एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है। वहीं, मामला केंद्र सरकार तक भी पहुंच गया है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ सुभाष सरकार ने इस मामले की त्वरित जांच की मांग की है।
विभिन्न स्कूलों के परीक्षा प्रश्नपत्र को लेकर हाल में माध्यमिक का टेस्ट पेपर प्रकाशित किया गया था। हालांकि इस टेस्ट पेपर को लेकर विवाद चालू हो गया है। आरोप है कि मालदा के एक स्कूल में परीक्षार्थियों को भारत के मैप में ‘आजाद काश्मीर’ चिह्नित करने के लिए कहा गया है। टेस्ट पेपर में ये सवाल किया गया है। मंगलवार को ये मामला सामने आने के बाद इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं। इस मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री भी मुखर हुए। हालांकि स्कूल प्रबंधन का दावा है कि ‘आजाद काश्मीर’ को लेकर स्कूल की ओर से कोई गलती नहीं की गयी है। टेस्ट पेपर में मालदा के रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विद्यामंदिर का प्रश्नपत्र प्रकाशित हुआ है। आरोप है ​कि इसमें पाक अधिकृत काश्मीर का उल्लेख ‘आजाद काश्मीर’ कहकर किया गया है।
विपक्ष ने जतायी तीखी प्रतिक्रिया
इसे लेकर केंद्रीय ​शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा, ‘इस बारे में राज्य के शिक्षा मंत्री को जानकारी लेनी होगी। कौन इसके पीछे है, यह जानना होगा। आरोप सही होने पर प्रकाशक के खिलाफ कदम उठाना होगा। अगर ऐसा सच में हुआ है तो यह राज्य की तुष्टीकरण की नीति का नतीजा है। इसमें राष्ट्रवाद विरोधी बात है और इससे अलगाववादी उत्साहित होंगे। इस मामले में केंद्र सरकार अलग से स्वाधीन तौर पर जांच करेगी।’ इधर, वायरल इस टेस्ट पेपर की तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘तृणमूल सरकार अलगाववादियों का समर्थन करती है। 2023 के टेस्ट पेपर के 132 नंबर पन्ने पर इतिहास का प्रश्नपत्र देखें। पाक अधिकृत काश्मीर को आजाद काश्मीर के तौर पर चिह्नित करने को कहा गया है।’ वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता व सांसद प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा, ‘शिक्षकों को इस तरह के सवालों से दूर रहना चाहिये। आजाद काश्मीर क्यों पाकिस्तान में है, इसका लंबा इतिहास रहा है। मुझे लगता है कि इस तरह के सवाल नहीं पूछे जाने चाहिये।’
यह कहना है शिक्षक संगठन का
बंगीय शिक्षक व शिक्षा कर्मी समिति के महासचिव स्वपन मण्डल ने कहा, ‘टेस्ट पेपर में आजाद काश्मीर उल्लेख करने को कहा गया है। यह काफी विवादित मुद्दा है और भारत के लोग आजाद काश्मीर नहीं कहते, पाकिस्तान कहता है। मध्य ​शिक्षा पर्षद को इसे नजर में रखना चाहिये था क्योंकि इससे बड़ा विवाद हो सकता है। इस गलती को लिखित में संशोधित करना चाहिये। यह हमारे नहीं बल्कि दूसरे देश का मामला है।’
क्या कहा स्कूल प्रबंधन ने
मालदा  के रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विद्यामंदिर के प्रधान शिक्षक तर्पहरानंद ने कहा, ‘स्टूडेंट्स के सामने इतिहास को लाने की कोशिश की है, और कुछ नहीं है। कोई दूसरी भावना स्टूडेंट्स में डालने की मंशा नहीं है। स्टूडेंट्स में राष्ट्रवाद, देश प्रेम की भावना जगाने के लिए यही स्वामीजी की भावना है, मैंने यही किया है। जो सच्चाई इतिहास के पन्नों में है, उसे सामने लाने की कोशिश की है। सरकारी पुस्तकों के आधार पर सवाल करता हूं, पढ़ाता हूं। पुस्तक से ही सवाल किया गया है।’
प्रकाशक एवं पेपर सेटर के विरुद्ध कार्रवाई हो – केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री सुभाष सरकार ने मंगलवार को इस मामले की राज्य स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को राज्य सरकार को हल्के में नहीं लेना चाहिए। बांकुरा के सांसद ने कहा कि मैं राज्य के शिक्षा मंत्री से इस मुद्दे पर गौर करने का आग्रह करता हूं। यदि यह सत्य पाया जाता है तो प्रकाशक एवं पेपर सेटर के विरुद्ध उचित कार्रवाई की जाए। साथ ही टेस्ट पेपर को तुरंत वापस ले लिया जाना चाहिए और प्रश्न को हटा दिया जाना चाहिए। सरकार ने आगे कहा कि अगर यह घटना सच है, तो इसकी जिम्मेदार टीएमसी सरकार की तुष्टीकरण की राजनीति को दिया जा सकता है, जिसने कुछ लोगों को टेस्ट पेपर में देश-विरोधी प्रश्न डालने के लिए प्रेरित किया है।
पश्चिम बंगाल बोर्ड के अध्यक्ष बोले- कार्रवाई करेंगे
वहीं, पश्चिम बंगाल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन के अध्यक्ष रामानुज गांगुली ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और उसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। हम अभी तक नहीं जानते हैं कि टेस्ट पेपर सेटर ने इस तरह के प्रश्न को क्यों शामिल किया। हम इसका पता लगाएंगे और आवश्यक कार्रवाई करेंगे। उधर, टीएमसी के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने बाद में कहा कि उनकी पार्टी किसी भी गलत चीज का समर्थन नहीं करती है। उन्होंने कहा कि अगर किसी ने ऐसा प्रश्न बनाया है तो उसने गलत काम किया है।


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