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भाजपा ने मरीचझापी सामूहिक हत्या के खिलाफ निकाली मौन रैली, 1979 में बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थियों पर चलाई गई थी गोलियां

मालदा। मरीचझापी सामूहिक नर संहार के खिलाफ भाजपा की ओर से पूरे मालदा शहर में मौन रैली निकाली। सोमवार सुबह शहर के पुराटोली भाजपा कार्यालय से रैली शुरू हुई जो पूरे शहर की परिक्रमा करती हुई कार्यालय के पास समाप्त. . .

मालदा। मरीचझापी सामूहिक नर संहार के खिलाफ भाजपा की ओर से पूरे मालदा शहर में मौन रैली निकाली। सोमवार सुबह शहर के पुराटोली भाजपा कार्यालय से रैली शुरू हुई जो पूरे शहर की परिक्रमा करती हुई कार्यालय के पास समाप्त हुई।
रैली में विधायक श्रीरूपा मित्र चौधरी, दक्षिण मालदा भाजपा के सभापति पार्थ सारथी घोष, भाजपा नेता विश्वजीत राय सहित अन्य नेता और समर्थक शामिल रहे। इस दौरान मारीचझापी सामूहिक नर संहार को लेकर प्रतिवाद जताया गया। साथ ही सभी शिक्षण संस्थाओं को खोलने की मांग भी की गई। भाजपा नेतृत्व ने इस दौरान डीआई को एक ज्ञापन भी सौंपा।
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की एक जगह है जहाँ गंगा की दो धाराएँ हुगली और पद्मा समंदर में जाकर मिलती हैं। यहीं है एक सुनसान सा दलदली द्वीप मरीचझापी। इसी जगह पर तत्कालीन ज्योति बसु की वामपंथी सरकार ने हजारों हिन्दू शरणार्थियों को सिर्फ इसीलिए मार दिया था, क्योंकि उन्होंने भारत के विभाजन के खिलाफ मतदान किया था।
1979 में तत्कालीन ज्योति बसु सरकार की पुलिस व सीपीएम काडरों ने बांग्लादेशी हिंदू शरणार्थियों के ऊपर जिस निर्ममता से गोलियाँ बरसाईं थी, उसकी दूसरी कोई मिसाल नहीं मिलती। जान बचाने के लिए दर्जनों लोग समुद्र में कूद गए थे। अब तक इस बात का कहीं कोई ठोस आँकड़ा नहीं मिलता कि उस मरीचझापी नरसंहार में कुल कितने लोगों की मौत हुई थी। प्रत्यक्षदर्शियों का अनुमान है कि इस दौरान 1000 से ज्यादा लोग मारे गए। लेकिन, सरकारी फाइल में केवल दो मौत दर्ज की गई।

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